इलाहाबाद: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को इलाहाबाद में गंगापार-यमुनापार इलाके समेत कुम्भ से संबंधित विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। योगी ने कुम्भ कार्यो को तेज करने का निर्देश दिया। इसके अलावा उन्होंने सच्चा बाबा आश्रम और पक्का घाट का दौरा किया। त्रिवेणी पुष्प पार्क में काम करे मजदूरों के बच्चों को स्कूल भेजने का निर्देश दिया। साथ ही वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
निरीक्षण के बाद लखनऊ रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री योगी ने पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि प्रयाग कुंभ से विश्व को स्वच्छता, समरसता और समृद्धि का संदेश दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां पर सभी स्थायी निर्माण कार्य के लिए 30 नवम्बर की डेड लाइन तय की गई है। उन्होंने सभी विभाग के कार्य की प्रगति पर संतुष्टि जताई। योगी ने कहा कि कुंभ के सभी कार्यो का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कराया जाएगा। इसके लिए उन्हें नवम्बर के आखिरी या दिसंबर के पहले सप्ताह में निमंत्रण भेजा जाएगा।
योगी ने कहा कि देश के छह लाख गांव और 192 देश के अतिथियों को कुंभ में आने का न्योता दिया जा रहा है। कुंभ के दौरान कई ऐसे रास्ते खोले जाएंगे जो आज तक आम लोगों के लिए नहीं खुलते थे। इनकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के दौरान होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ के बाद प्रयागराज में मेट्रो रेल का काम रफ्तार पकड़ेगा। इसकी डीपीआर तैयार कराई जा रही है। सर्वे से जुड़े सभी काम इसी समय अवधि के बीच पूरे कर लिए जाएंगे।
बता दें कि इससे पहले शनिवार शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि इलाहाबाद का नाम प्रयागराज होगा। मुख्यमंत्री ने कल शाम कहा था कि संत लगातार इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयाग करने की मांग उठा रहे थे। कुंभ मार्गदर्शक मंडल की बैठक में भी यह मुद्दा प्रमुखता से उठा। बैठक की अध्यक्षता कर रहे राज्यपाल रामनाईक ने भी इस पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि जहां दो नदियों का संगम होता है, उसे प्रयाग कहा जाता है। उत्तराखंड में देवप्रयाग, कर्णप्रयाग और विष्णुप्रयाग हैं। इलाहाबाद में देवभूमि से निकलने वाली दो पवित्र नदियों का संगम है, इसलिए इसे प्रयागराज कहा जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही औपचारिकताएं पूरी कर इलाहाबाद का नाम प्रयागराज कर देगी।