प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश): प्रतापगढ़ जिले के पिथापुर मलक गांव में भारतीय जनता पार्टी के 52 वर्षीय बूथ अध्यक्ष का शव सड़क किनारे मिलने के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल है। शनिवार को शव मिलने के बाद सूत्रों ने बताया कि मृतक धीरेंद्र बहादुर सिंह ने दो पक्षों के बीच विवाद में हस्तक्षेप करने की कोशिश की थी, जिसके बाद शुक्रवार रात को कथित तौर पर पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी गई।
एडिशनल एसपी (पूर्व) सुरेंद्र द्विवेदी और सीओ सीटी अभय पांडेय पांच पुलिस स्टेशनों और पीएसी के जवानों के साथ भारी संख्या में गांव पहुंचे, लेकिन उन्हें मृतक के परिजनों और स्थानीय लोगों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों को शांत करने में इन्हें कई घंटे लग गए, जिसके बाद आखिरकार शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
अभय पांडे ने कहा, "हमने मृतक के बहनोई की शिकायत पर दो लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। दोनों आपस में भाई हैं।" अभी तक मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
पीड़ित धीरेंद्र बहादुर सिंह पीथापुर मलक गांव के रहने वाले थे। शुक्रवार देर रात दो लोगों ने राजन सिंह नामक एक किसान के खेत से बिना उनकी अनुमति के गन्ना काटना शुरू कर दिया, जिसके कारण दो पक्षों के बीच विवाद खड़ा हो गया। पास ही रहने वाले धीरेंद्र मौके पर तुरंत पहुंचे और उन दोनों लोगों से बाइक की चाबी छीन ली। मुद्दा जल्द ही हल हो गया, जिसके बाद राजन अपने पिता नागेंद्र के साथ घर के लिए रवाना हो गए।
कोहदौर पुलिस स्टेशन के हाउस ऑफिसर (एसएचओ) बच्चेलाल ने कहा कि घटना के बाद धीरेंद्र लापता हो गए। अगले दिन सड़क पर उनका शव मिला, जिसमें चोट के कई निशान थे। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि लड़ाई में दखल देने की कोशिश के बाद मंगापुर गांव के दो भाइयों रणजीत और विपिन सरोज ने धीरेन्द्र को पीट-पीट कर मार डाला।
गांव का माहौल शांत रखने के लिए अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है।