बदायूं: उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के एक गांव में गोकशी के मामले में दबिश देने पहुंची पुलिस पर एक बुजुर्ग की पीट-पीट कर हत्या करने का आरोप लगाया गया है। हालांकि पुलिस ने इस आरोप को मनगढ़ंत बताते हुए दावा किया है कि दबिश से पहले ही उस शख्स की मौत हो चुकी थी। बशीर के पुत्र नन्हे ने रविवार को बताया कि वह जिले के उसहैत थाना क्षेत्र के भसुन्दरा गांव का रहने वाला है। शनिवार रात करीब 12 बजे पुलिस ने उसके घर में दबिश दी और उसके पिता बशीर अंसारी (58) को अपने साथ ले जाने लगी।
‘गोकशी के फर्जी मामले में फंसाने की धमकी दी’
नन्हे ने आरोप लगाया कि बशीर के विरोध करने पर पुलिस ने उसे उठा-उठा कर पटका जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई। यह भी इल्जाम है कि बुजुर्ग ने पीने को पानी मांगा, तो उसको पानी तक नहीं देने दिया गया। नन्हे ने आरोप लगाया कि गोकशी के फर्जी मामले में फंसाने की धमकी देकर उसहैत थाना प्रभारी ने उससे 50 हजार रुपये भी लिए थे। इस बीच, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार त्रिपाठी ने दावा किया है कि गोकशी की सूचना पर उसहैत पुलिस ने बशीर के घर पर दबिश दी थी।
‘शव पर चोट के कोई निशान नहीं पाए गए हैं’
उन्होंने बताया कि बशीर बीमार था और इस वजह से उसकी रात में ही मौत हो गई थी, लेकिन परिजन ने गांव में यह अफवाह फैला दी कि दबिश के दौरान पुलिस की पिटाई से बशीर की मौत हुई है। इस घटना से नाराज बशीर के परिजन ने हंगामा किया और पुलिस को शव नहीं ले जाने दिया। करीब 6 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सुबह साढ़े सात बजे पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘बशीर के शव पर चोट के कोई निशान नहीं पाए गए हैं और न ही पुलिस ने उसकी पिटाई की थी। सभी आरोप मनगढ़ंत हैं।’
‘पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सबकुछ साफ हो जाएगा’
एसएसपी ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सब कुछ साफ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिये एक टीम बना दी गई है। इस पूरे मामले पर बदायूं के जिलाधिकारी कुमार प्रशांत ने कहा कि मृतक के परिजन पुलिस द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगा रहे हैं। मृतक के शव का पोस्टमॉर्टम तीन डॉक्टरों का पैनल कर रहा है। साथ ही पोस्टमॉर्टम की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी ताकि परिजनों को किसी भी प्रकार की शंका ना रहे।