वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की पूर्ववर्ती सरकारों पर देश की नदियों के सामर्थ्य के साथ अन्याय करने और गंगा की सफाई के नाम पर हजारों करोड़ रुपये ‘बहाने‘ का आरोप लगाते हुए कहा कि देश की जनता अब सिर्फ विकास की राजनीति चाहती है। प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में देश के पहले मल्टी-मॉडल टर्मिनल समेत 2413 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास करने के बाद आयोजित जनसभा में इस टर्मिनल के फायदे गिनाते हुए कहा ‘‘एक जमाना था, जब हमारे देश की नदियों मे बड़े-बड़े जहाज चला करते थे, लेकिन आजादी के बाद इस पर ध्यान देने के बजाय उनकी उपेक्षा की गयी। हमारी नदियों की शक्ति के साथ पहले की सरकारों ने कितना बड़ा अन्याय किया। इस अन्याय को समाप्त करने का कार्य हमारी सरकार कर रही है।’’
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार देश में 100 से ज्यादा राष्ट्रीय जलमार्गों पर काम कर रही है। आज लोकार्पित किया गया वाराणसी-हल्दिया भी उनमें से एक है। इस वॉटरवे से उत्तर प्रदेश ही नहीं बिहार, झारखण्ड और पश्चिम बंगाल यानि एक प्रकार से पूर्वी भारत के एक बड़े हिस्से को बहुत बड़ा फायदा होने वाला है। इस काम में दशकों लग गये, लेकिन आज मैं खुश हूं कि देश ने जो सपना देखा था, वह आज काशी की धरती पर साकार हुआ है। ‘हर हर महादेव‘ के उद्घोष के साथ अपना भाषण शुरू करने वाले मोदी ने कहा कि हमारी सरकार गंगा जी का पैसा ‘पानी’ में नहीं बहा रही, बल्कि गंगा में जो गंदा पानी आ रहा है, उसे साफ करने में लगा रही है। ‘‘वरना, मां गंगा की सफाई के नाम पर कैसे पिछली सरकारों ने हजारों करोड़ बहा दिये, यह हम अच्छी तरह जानते हैं।’’
उन्होंने कहा ‘‘देश अब सिर्फ विकास की राजनीति चाहता है। जनता अपने फैसले विकास देखकर ही करती है। वोट बैंक की राजनीति देखकर नहीं करती। पिछले चार वर्षों में जितना इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हुआ, उतना पहले कभी नहीं हुआ। एक्सप्रेस-वे का जाल, अन्य अनेक योजनाएं हमारी सरकार की पहचान बन चुकी हैं।’’ मोदी ने मल्टी-मॉडल टर्मिनल का विस्तार से जिक्र करते हुए कहा कि आजादी के बाद यह पहला अवसर है जब हम अपने नदी मार्ग को कारोबार के लिये इतने व्यापक स्तर पर इस्तेमाल करने में सक्षम हुए हैं। काशीवासी साक्षी हैं कि चार साल पहले जब मैंने बनारस और हल्दिया को जलमार्ग से जोड़ने की बात कही थी तो किस तरह इसका मजाक उड़ाया गया था, लेकिन थोड़ी देर पहले टर्मिनल पर कोलकाता से आये कंटेनर जहाज ने आलोचना करने वालों को खुद ही जवाब दे दिया।
उन्होंने कहा कि देश का यह पहला कंटेनर ‘न्यू इंडिया’ के ‘न्यू विजन’ का जीता जागता सुबूत है। यह उस सोच का प्रतीक है कि जिसमें देश के संसाधनों और सामर्थ्य पर भरोसा किया जाता है। आने वाले दिनों में जब वाराणसी में बने मल्टी मॉडल टर्मिनल से सेवा शुरू होगी, तो लम्बी दूरी तय करने के लिये आपको एक और नया विकल्प भी मिलेगा। कुल मिलाकर इस जलमार्ग से समय और पैसा बचेगा। मोदी ने कहा कि आज वाराणसी के मल्टी मॉडल टर्मिनल पर जो कंटेनर जहाज आया है, उसमें कोलकाता से औद्योगिक सामान आया है। यहां से यह जहाज उर्वरक लेकर वापस जाएगा। यानि पूर्वांचल में फर्टिलाइजर समेत जितने भी कारखाने हैं, वहां बना सामान अब सीधे पूर्वी भारत के बंदरगाहों तक पहुंच पाएगा। यह सिर्फ एक उदाहरण है, वह दिन दूर नहीं जब वाराणसी और आसपास का अनाज, सब्जियां और बुनकरों की बनायी चीजें, इसी जलमार्ग से जाया करेंगी। यहां के लाखों लोगों के लिये कितना बड़ा रास्ता खुल रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वी भारत के अनेक इलाके समय के साथ ‘क्रूज टूरिज्म’ के लिये भी जाने जाएंगे। यह सब काशी की संस्कृति, सभ्यता और संस्कार के अनुरूप ही होगा। पारम्परिक काशी के आधुनिक स्वरूप की अवधारणा के साथ ही विकास का नक्शा चलेगा। काशी प्रकृति, संस्कृति और साहस का संगम स्थल बनकर रहेगी। केन्द्रीय भूतल परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने इस मौके पर कहा कि गंगा नदी में परिवहन की आज शुरुआत हो गयी। स्वाधीनता के बाद पहली बार हल्दिया से 16 कंटेनर जहाज के जरिये यहां पहुंचे हैं। इस साल हम 80 लाख टन सामान ट्रांसपोर्ट करेंगे। दो साल बाद 270 लाख टन सामा का परिवहन गंगा से होगा। उन्होंने कहा कि अगले साल इलाहाबाद में होने वाले कुम्भ में हम सवा घंटे में वाराणसी से इलाहाबाद तक जनता को पहुंचाएंगे। इससे उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
गडकरी ने कहा कि गंगा को निर्मल करना प्रधानमंत्री का बड़ा सपना है। हम गंगा जलशुद्धि के 10 हजार करोड़ की परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं। उन्होंने वचन दिया कि अगले साल मार्च से पहले 70 से 80 प्रतिशत गंगा शुद्ध होगी। इसके अलावा हर मौसम में गंगोत्री से लेकर गंगासागर तक कम से कम दो फुट पानी गंगा में रहेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि आज से चार साल पहले काशी की गलियां, सड़कें और गंगा की स्थिति क्या थी? आज बाबतपुर से काशी की तरफ आएं तो फोरलेन का बेहतरीन मार्ग मिलेगा। इसका श्रेय प्रधानमंत्री को जाता है। उन्होंने कहा कि काशी अब तक हमारे लिये आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी थी, पहली बार जल परिवहन की सुविधा यहां मिल रही है। ना केवल परिवहन बल्कि भारवाहन की दृष्टि से भी उत्तर प्रदेश में व्यापार की अपार संभावनाएं खुलने जा रही हैं।
इसके पूर्व प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग-56 के बाबतपुर से वाराणसी तक चार लेन चौड़ीकरण के कार्य, वाराणसी रिंग रोड फेज-1, आई0डब्ल्यू0टी0, सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लाण्ट समेत विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इसके अलावा उन्होंने इण्टरसेप्शन डाइवर्जन ऑफ ड्रेन एण्ड ट्रीटमेण्ट वर्क एट रामनगर-वाराणसी, किला कटरिया मार्ग पर आई0आर0क्यू0पी0 का कार्य, पूर्व राष्ट्रीय मार्ग संख्या-7 पड़ाव रामनगर (टेगरा मोड़) मार्ग परआई0आर0क्यू0पी0 का कार्य, लहरतारा-काशी हिन्दू विश्वविद्यालय मार्ग पर उपरिगामी फुटपाथ का निर्माण, वाराणसी में हेलीपोर्ट का निर्माण, ड्राइवर प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना कार्य आदि परियोजनाओं का शिलान्यास किया। वाराणसी रिंग रोड के पहले चरण की करीब साढ़े 16 किलोमीटर लम्बी सड़क का निर्माण 759.36 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है। वहीं, राष्ट्रीय राजमार्ग-56 पर 17.25 लम्बे फोरलेन बाबतपुर-वाराणसी मार्ग के निर्माण पर करीब 813 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं।