लखनऊ/सिद्धार्थनगर/वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को उत्तर प्रदेश के दौरे पर सिद्धार्थनगर में नौ मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन करें, इसके साथ ही वह अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना की शुरुआत करेंगे। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने रविवार को बताया कि पीएम मोदी सिद्धार्थनगर में बने मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण करेंगे तथा साथ ही वहीं से वह एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर और जौनपुर के मेडिकल कॉलेजों को भी डिजिटल माध्यम से लोकार्पित करेंगे। इन मेडिकल कॉलेजों का निर्माण 2329 करोड़ रुपए की कुल लागत से किया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि केंद्र प्रायोजित योजना के तहत आठ मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए गए हैं, जबकि जौनपुर में मेडिकल कॉलेज में राज्य सरकार ने अपने संसाधन लगाये हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सिद्धार्थनगर का दौरा कर प्रधानमंत्री के सोमवार के कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले प्रस्तावित जनसभा स्थल का निरीक्षण किया। योगी ने लोकार्पण कार्यक्रम में प्रस्तावित चित्र प्रदर्शनी और माधव प्रसाद त्रिपाठी चिकित्सा महाविद्यालय के मॉडल को भी देखा। उन्होंने छायाचित्र प्रदर्शनी, बुद्ध का जीवन दृश्य एवं उत्खनित पुरास्थल कपिलवस्तु-एक झलक का अवलोकन भी किया।
सिद्धार्थनगर में मेडिकल कॉलेजों के लोकार्पण के बाद प्रधानमंत्री मोदी अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में 'प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना' की शुरुआत करेंगे और वाराणसी के लिए 5,200 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि पांच साल तक चलने वाली प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के लिए बजट में 64,180 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसकी घोषणा 2021-2022 के केंद्रीय बजट में की गई थी। मोदी 25 अक्टूबर को वाराणसी के मेहदीगंज में एक जनसभा के दौरान इस योजना को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने स्वस्थ भारत के लिये चार-स्तरीय रणनीति बनाई है जिसमें स्वच्छ भारत अभियान, योग, गर्भवती महिलाओं बच्चों की समय पर देखभाल एवं उपचार जैसे उपायों सहित बीमारी की रोकथाम तथा स्वास्थ्य कल्याण को बढ़ावा देना है। साथ ही समाज के वंचित वर्ग के लोगों को सस्ता और प्रभावी इलाज मुहैया कराना और स्वास्थ्य अवसंरचना तथा स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों की गुणवत्ता को बढ़ाना शामिल है। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य देश के सुदूर हिस्सों में प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल स्वास्थ्य प्रणालियों की क्षमता विकसित करना है। देश में ही अनुसंधान, परीक्षण और उपचार के लिये एक आधुनिक व्यवस्थित तंत्र विकसित करना है।
प्रवक्ता के मुताबिक इस योजना में 17,788 ग्रामीण तथा 11,024 शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के विकास के लिये समर्थन प्रदान करने तथा सभी ज़िलों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं की स्थापना एवं 11 राज्यों में 3,382 ब्लॉक सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाइयों की स्थापना करने के लक्ष्य शामिल हैं। इसके अलावा 602 ज़िलों और 12 केंद्रीय संस्थानों में ‘क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक’ स्थापित करने में सहायता करना, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र तथा इसकी पांच क्षेत्रीय शाखाओं एवं 20 महानगरीय स्वास्थ्य निगरानी इकाइयों को मज़बूत करना भी इसका लक्ष्य है।