लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों से अबतक 18.24 लाख मजदूर अपने घर वापस लौटे हैं। उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने शुक्रवार को बताया कि 12.33 लाख से अधिक लोग 930 श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिये राज्य में वापस आए हैं। योगी सरकार ने प्रवासी श्रमिकों को वापस लाने के लिए 1199 ट्रेनों को मंजूरी दी है।
लौटने वाले श्रमिकों को 15 दिन का राशन और 1000 रुपए भत्ता दिए जाने के निर्देश
उत्तर प्रदेश में करीब 18 लाख प्रवासी मजदूर और कामगार प्रदेश के विभिन्न गांवो तथा शहरों के पृथक केंद्रों के माध्यम से गए हैं और इन सभी को पृथक अवधि पूरी करने के बाद 15 दिन का राशन और 1000 रुपए का भरण पोषण उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिया गया है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि अब तक प्रदेश में 20 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक और कामगार ट्रेनों और बसों के माध्यम से प्रदेश में लौट चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश की 46103 ग्राम पंचायतों में बने पृथक केंद्रों के माध्यम से 16 लाख 8 हजार 184 श्रमिक गए हैं।
इसी तरह नगरीय क्षेत्र के 6202 मोहल्लों में बने पृथक केंद्रों के माध्यम से दो लाख 24 हजार 639 लोग गए हैं और इस तरह प्रदेश में कुल 18 लाख 24 हजार लोग पृथक केंद्रों के माध्यम से गए हैं। प्रवासी श्रमिको के आने का सिलसिला अभी भी जारी है क्योंकि लगभग 100 ट्रेन प्रतिदिन आ रही हैं।
अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि प्रवासी कामगारों और श्रमिकों की सकुशल वापसी के साथ ही उन्हें पृथक केंद्र में सुरक्षित ले जाया जाए। उन्होंने कहा कि अब तक 20 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक उत्तर प्रदेश में सकुशल वापस आए हैं। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी प्रवासी श्रमिकों को 15 दिन के खाद्यान्न के साथ-साथ उन्हें नियमित तौर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए उनका राशन कार्ड बनवाया जाए। घर में पृथक रहने के दौरान इन्हें 1000 रुपए का भरण पोषण भत्ता भी उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने खाद्य एवं रसद विभाग को हर जरूरतमन्द को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने में योगदान देने के निर्देश दिए।