लखनऊ: अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने आज राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला बोलते हुए उस पर पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया। प्रदेश में भाजपा के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष राजभर ने यह भी कहा कि उनके अलावा प्रदेश में पिछड़ी जाति के किसी भी विधायक या मंत्री की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने जबान खोलने की हिम्मत नहीं है। अगर भाजपा उनसे सरकार से अलग होने को कहेगी तो वह तुरंत मंत्री पद छोड़ देंगे।
राजभर ने फोन पर ‘भाषा‘ से कहा कि प्रदेश में अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक और सामान्य वर्ग के 24 लाख छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति के लिये तीन हजार करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ है। वहीं, पिछड़ी जाति के 26 लाख छात्र-छात्राओं के लिये मात्र एक हजार 85 करोड़ रुपये ही आवंटित किये गये हैं। यह अन्याय है।
उन्होंने कहा कि गत 16 अप्रैल को सरकार ने एक शासनादेश जारी किया है, उसमें 16 अप्रैल से 15 मई तक अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक और सामान्य वर्ग के ऐसे विद्यार्थियों को फिर से आवेदन करने को कहा गया है, जो आवेदन नहीं कर पाये हैं, या आवेदन में गड़बड़ी हुई है। मगर पिछड़ी जाति के लिये ऐसा कुछ नहीं किया गया है। पूरे प्रदेश में छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। यह पिछड़ों के साथ अन्याय है। लगभग 11 लाख बच्चे छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति से वंचित हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कार्यप्रणाली पर पहले भी सवाल उठा चुके राजभर ने कहा कि उन्होंने गत मंगलवार को उनको इस बारे में अवगत कराया तो उन्होंने कहा कि जिस मद की बात हो रही है, उसमें पिछली बार से ज्यादा बजट दिया गया है। जब उन्होंने कहा कि सभी पिछड़ी जातियों के पात्र बच्चों को 100 प्रतिशत छात्रवृत्ति दी जाए, तब मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘देखेंगे‘। मगर वह तो पिछले एक साल से देख रहे हैं।
इस सवाल पर कि क्या अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव तक भाजपा और सुभासपा साथ रहेंगे, राजभर ने कहा कि हम अपने अधिकार के लिये लड़ते रहेंगे और साथ रहेंगे। हमने 2024 तक के लिये गठबंधन किया है। लेकिन अगर भाजपा आज कह दे कि हमें सुभासपा की जरूरत नहीं है तो हम इसके लिये अभी तैयार हैं। हम तो उनका स्वागत करेंगे। हम मंत्री पद तुरंत वापस करने को तैयार हैं। अगर पिछड़ों के हक की बात उठाना गलत है तो भाजपा हमें निकाल दे।
उन्होंने मुख्यमंत्री पर फिर आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘मुझे छोड़कर जितने भी पिछड़े नेता हैं, उनमें से एक की भी जबान नहीं खुल रही है। कोई भी पिछड़ा नेता या विधायक इस हैसियत में नहीं है कि मुख्यमंत्री के सामने अपना मुंह खोल सके। क्या पिछड़ों और दलितों ने खाली वोट देने का ठेका ले रखा है।’’
पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ने कहा कि उन्होंने हाल में लखनऊ आये भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से भी पिछड़ी जातियों के छात्र-छात्राओं के साथ हो रहे अन्याय का जिक्र किया था लेकिन सरकार ने उसके बाद जो 16 अप्रैल को शासनादेश जारी किया है, उसमें पिछड़े वर्ग के प्रति ‘सौतेलापन’ दिख रहा है।