लखनऊ: वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ओम प्रकाश सिंह ने आज उत्तर प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का पदभार संभाला। उन्होंने सुलखान सिंह का स्थान लिया है, जो गत 31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। साफ-सुथरी छवि वाले 1983 बैच के आईपीएस अफसर ओम प्रकाश सिंह इससे पहले केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के महानिदेशक रह चुके हैं। केन्द्र की ओर से देरी से कार्यमुक्त किए जाने के कारण उन्हें पदभार ग्रहण करने में देरी हुई है। प्रदेश में डीजीपी का पद पिछले 22 दिन से खाली था।
पदभार ग्रहण करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में पुलिस महानिदेशक ने कहा कि उनकी प्राथमिकता निष्पक्ष जांच एवं गुणवत्तापूर्ण विवेचना होगी। साथ ही यह प्रयास होगा कि घटना की सूचना मिलने पर पुलिस कम से कम समय में मौके पर पहुंचे।
उन्होंने कहा, ''मैं यह सुनिश्चित करने का प्रयास करूंगा कि पुलिस का रिस्पॉन्स टाइम कम हो। निष्पक्ष जांच और गुणवत्तापूर्ण विवेचना होनी चाहिए। इस बारे में अधिकारियों से बात करूंगा। मेरी टीम काफी अच्छी है और आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है।''
सिंह ने कहा कि देश के सबसे बड़े राज्य की पुलिस टीम का नेतृत्व करना उनके लिए सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि राज्य में सभी को सुरक्षा प्रदान की जाएगी। पुलिस बल में पेशेवर कार्यशैली सुनिश्चित की जाएगी।
सेंट जेवियर्स कॉलेज, नेशनल डिफेंस कॉलेज और दिल्ली विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर चुके सिंह आपदा प्रबन्धन में एमबीए के साथ-साथ एम.फिल डिग्रीधारी हैं। वह पूर्व में उत्तर प्रदेश तथा केन्द्र सरकार में अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।
वर्ष 1992-93 में लखीमपुर खीरी जिले के पुलिस अधीक्षक पद पर रहते हुए उन्होंने आतंकवादी गतिविधियों पर सख्ती से लगाम कसी थी। इसके अलावा लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पद पर काम करते हुए उन्होंने धार्मिक जुलूसों को लेकर अर्से पुराने शिया-सुन्नी विवाद को सुलझाने में अहम भूमिका निभायी थी। आपदा राहत बल के महानिदेशक के तौर पर सिंह ने जम्मू-कश्मीर में आयी बाढ़, नेपाल में आए विनाशकारी भूकम्प, हुदहुद तूफान तथा चेन्नई के शहरी इलाकों में आयी बाढ़ की विभीषिका से निपटने के लिये सराहनीय कार्य किए थे। सिंह को उत्कृष्ट सेवा के लिए वीरता पुरस्कार समेत कई तमगे भी मिल चुके हैं।