लखनऊ: एमपी-एमएलए अदालत ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के खिलाफ अभद्र भाषा के उपयोग के मामले में गैर ज़मानती वारंट जारी किया है। न्यायाधीश पीके राय ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख 17 फरवरी तय की है। बता दें कि सांसद संजय सिंह ने 12 अगस्त, 2020 को लखनऊ में एक पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया था कि राज्य सरकार एक विशेष जाति का पक्ष ले रही है। उसके बाद उनके खिलाफ हजरतगंज थाने पर भारतीय दंड संहिता की सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
जज ने खारिज की पेशी से छूट देने की याचिका
मामले की विवेचना के बाद पुलिस ने 7 सितंबर 2020 को सांसद के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया और अभियोजन की स्वीकृति भी प्राप्त कर ली। इसके बाद एमपी/एमएलए अदालत ने 4 दिसंबर, 2020 को आरोप पत्र पर संज्ञान लेकर सांसद संजय सिंह को सम्मन जारी कर दिया जिसको उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। सिंह के वकील ने मंगलवार को एमपी-एमएलए अदालत से अपनी व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट देने का अनुरोध किया, लेकिन सरकारी वकील के तर्कों के बाद जज ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि उन्हें आज तक जमानत नहीं मिली है।
हाई कोर्ट से भी लगा था संजय सिंह को झटका
इससे पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सदस्य संजय सिंह की लखनऊ के एमपी-एमएलए अदालत द्वारा गत 4 दिसंबर को जारी समन पर रोक लगाने के अनुरोध को अस्वीकार करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने कहा था कि एमपी-एमएलए अदालत ने उनके (संजय सिंह) खिलाफ प्रस्तुत चार्जशीट पर संज्ञान लेने में कोई विधिक त्रुटि नहीं की है। यह आदेश जस्टिस राकेश श्रीवास्तव की एकल पीठ ने संजय सिंह की ओर से दायर याचिका पर पारित किया था। आदेश 21 जनवरी को पारित किया गया था जो एक फरवरी को अदालत की वेबसाइट पर अपलोड हुआ।