नोएडा. नोएडा एपेरल एक्सपोर्ट सेंटर (एनएईसी) ने उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर कामगारों की कमी की समस्या पर ध्यान देने को कहा है। कोविड-19 महामारी के कारण भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों के अपने घरों को वापस जाने से श्रमिकों की कमी हो गयी है जिससे परिधान इकाइयां सुचारू तरीके से कामकाज शुरू नहीं कर पा रही हैं।
एनएईसी ने कहा कि शहर में रेडिमेड कपड़ा इकाइयों को सामान्य परिचालन के लिये कपड़ा सिलाई करने वाले समेत तत्काल दो लाख कर्मचारियों की जरूरत है। सेंटर ने बृहस्पतिवार को एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) और निर्यात उत्पादन विभाग के प्रधान सचिव नवनीत सहगल को पत्र लिखकर कार्यबल की व्यवस्था में मदद की मांग की। श्रमिक कोविड-19 संकट के कारण अपने-अपने घरों को लौट गये हैं।
एनएईसी के अध्यक्ष ललित ठुकराल ने कहा, "आपको पता है कि नोएडा (गौतम बुद्ध नगर) देश में रेडिमेड कपड़ों का केंद्र है। नोएडा संकुल में 3,000 कपड़ा -उत्पादन -सह निर्यात इकाइयां हैं। ये इकाइयां काम कर रही हैं और फिलहाल करीब 10 लाख कर्मचारी काम कर रहे हैं।"
उन्होंने लिखा है कि कोविड-19 महामारी के कारण इन इकाइयों में कामकाज और उत्पादन ठप हो गया था लेकिन अब सरकार की अनुमति से इन इकाइयों में कामकाज फिर से शुरू हुआ है। ठुकराल के अनुसार लेकिन कार्यबल की कमी के कारण उत्तर प्रदेश सरकार के कामकाज शुरू करने की अनुमति के बावजूद हम परिचालन शुरू करने की स्थिति में नहीं हैं।
कामगारों की व्यवस्था करने की अपील करते हुए उन्होंने कहा, "नोएडा आरएमजी संकुल को कपड़े सिलने वाले समेत तत्काल दो लाख कामगारों की जरूरत है। अगली तिमाही में काम बढ़ने के साथ यह संख्या तीन लाख हो जाएगी।" उन्होंने कहा कि यमुना एक्सप्रेसवे के पास वृहत परिधान पार्क बन रहा है और इसमें 150 रेडिमेड कपड़ा इकाइयां होंगी। इन इकायों को 5 लाख कर्मचारियों की जरूरत होगी।