ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में केन्याई छात्रा के साथ मारपीट मामले में नोएडा पुलिस दावा किया है कि यह पूरी तरह से फर्जी है। घटना की शिकायत के बाद पुलिस ने छात्रा को ले जाने वाले ओला कैब ड्राइवर को तलाश कर लिया और उसी ने पुलिस को सारी सच्चाई बता दी जिसके बाद मामला फर्जी होने का खुलासा हो गया।
नोएडा पुलिस के मुताबिक ओला कैब ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि उसने सुबह 6 बजे केन्या की लड़की को उसके घर छोड़ा था। उस समय सोसायटी के बाहर पुलिस गश्त कर रही थी। ड्राइवर ने बताया कि लड़की से एक अफ्रीकन लड़का वहां मिलने भी आया था। अब पुलिस नए सिरे से मामले की जांच कर रही है।
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बता दें कि अफ्रीकी छात्रों पर हमले को लेकर पांच लोगों की गिरफ्तारी के तुरंत बाद ग्रेटर नोएडा में केन्या की एक महिला को कथित तौर पर कैब से बाहर निकालने और कुछ अज्ञात लोगों द्वारा उस पर हमला करने का मामला सामने आया। अपनी शिकायत में केन्याई नागरिक ने आरोप लगाया कि यहां ओमिक्रॉन सेक्टर के समीप उस पर हमला किया गया। पुलिस उपाधीक्षक अभिनंदन ने कहा, केन्या की महिला ने बताया कि वह ओला कैब में यात्रा कर रही थी तभी अज्ञात लोगों ने उसकी गाड़ी को रोका, उसे बाहर खींचा और उसके साथ मारपीट की। पीडि़ता को यहां कैलाश अस्पताल ले जाया गया जहां से बाद में उसे छुट्टी दे दी गयी।
इससे पहले ग्रेटर नोएडा में अफ्रीकी छात्रों पर हमले के संबंध में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस घटना से अफ्रीकी छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा हो गयी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। अफ्रीकी छात्रों ने जान को खतरा बताते हुये इस मामले में कार्रवाई की मांग की थी, जिसके बाद स्वराज ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की।
गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा निवासियों के एक समूह ने कथित तौर पर चार नाइजीरियाई छात्रों पर हमला कर दिया था। समूह ने एनएसजी ब्लैक कैट्स एन्क्लेव में गत सप्ताह कथित रूप से अधिक मात्रा में नशीला पदार्थ लेने से 17 वर्षीय लड़के मनीष की मौत के बाद कैंडल लाइट मार्च निकाला था।