नोएडा पुलिस ने शुक्रवार को एमबीबीएस (MBBS) में दाखिला कराने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है। गाइडेंस क्लब के नाम से एक कंपनी बनाकर बच्चों को कई यूनिवर्सिटी में दाखिला दिलाने के नाम पर ठगी का गोरखधंधा चल रहा था। एंट्रेंस एग्जाम क्वालीफाई न करने वाले बच्चों को टारगेट करके उनके पैरेंट्स से मोटी रकम वसूली जा रही थी। इस पूरे गैंग में कई यूनिवर्सिटी के कर्मचारी भी शामिल हैं, जिसकी पुलिस जांच कर रही है ।
भारी तादाद में कागजात बरामद
गाइडेंस क्लब नाम सुनकर ऐसा प्रतीत होता है कि यहां पर मार्गदर्शन देने का काम होता होगा। लेकिन यहां सीधे तौर पर लोगों को धोखा देने का कारोबार होता है। नोएडा में सुनील सिंह नाम का एक व्यक्ति गार्डन क्लब के नाम से कंपनी चला रहा था। इसका मुख्य ऑफिस और कॉल सेंटर ऑफिस दोनों अलग-अलग थे। बच्चों को गाइडेन्स के नाम पर मिलने के लिए बुलाया जाता था और फिर एमबीबीएस में दाखिला कराने के नाम पर उनके अभिभावकों से मोटी रकम वसूल की जाती थी। पुलिस ने इस गैंग के दो मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है और इनके पास से भारी तादाद में कागजात बरामद किए गए हैं।
गैंग ऐसे लोगों को बनाता था टारगेट
इस गैंग ने बहुत ही प्लानिंग से ऐसे लोगों को टारगेट करने के लिए गाइडेन्स क्लब के नाम से कंपनी बनाया और जिनके बच्चे एंट्रेंस एग्जाम में पास नहीं हुए और उनके पास एमबीबीएस कराने के लिए पैसों की कमी नहीं है उन्हें टारगेट किया। इसके लिए कंपनी ने सेक्टर 62 में एक किराए का ऑफिस लिया और वहां से कुछ लड़के-लड़कियों को नौकरी पर रख कर ऐसे लोगों को फोन करवाया जाता था। उनको अलग-अलग मेडिकल यूनिवर्सिटी में दाखिला कराने का लालच देकर मोटी रकम वसूल की जाती थी। इसी गैंग में यूनिवर्सिटी का भी एक कर्मचारी शामिल होता था, जो यूनिवर्सिटी का ऑफिस टाइम खत्म होने के बाद यहां एक कमरा खुलवाया जाता था, फिर वहां पर ठगी करने के लिए बुलाए गए लोगों से मीटिंग कराई जाती थी। यह पूरा गैंग 1 साल से काम कर रहा है। ऐसे 15 से ज्यादा लोग सामने आ चुके हैं जिन्हें यह गैंग ठगी का शिकार बना चुका है।
जानिए कैसे हुआ मामले का खुलासा
नोएडा पुलिस के मुताबिक, आदर्श और पंकज खटीक को रिमांड पर लेने के बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ है। दोनों किसी और मामले में अलग-अलग जगहों पर गिरफ्तार किए गए थे। पुलिस ने सुनील सिंह और राज विक्रम सिंह को गिरफ्तार किया है। सुनील सिंह इस पूरे गैंग का मास्टरमाइंड है जोकि इंटरमीडिएट पास है। सुनील सिंह इससे पहले भी मैक्सकॉम चिटफंड घोटाले में गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा एटीएम क्लोन करने का मास्टरमाइंड भी है। गाजियाबाद पुलिस ने भी 2018 में एमबीबीएस में दाखिला कराने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी के आरोप में इसे जेल भेज चुकी है लेकिन जेल से आने के बाद फिर इसका धंधा पहले की तरह ही फल फूल रहा था, जिसे फिर एक बार नोएडा पुलिस ने बेनकाब किया है। पुलिस अब सुनील सिंह और गाइडेंस क्लब कंपनी से जुड़े इस गैंग में शामिल अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है। पुलिस का दावा है कि सभी आरोपी जल्द ही सलाखों के पीछे होंगे।