नोएडा: पंचायत चुनावों के बाद नोएडा के ग्रामीण इलाकों में कोरोना का प्रकोप तेजी से फैला है। जिले के कस्बों और गांवों में कोविड-19 के तेजी से फैल रहे प्रकोप के मद्देनजर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि जरूरी दवाएं मुहैया कराने और संक्रमण की जांच कराने के लिए कई केंद्र खोले गए हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ दीपक अहोरी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर की जा रही हैं जिसके तहत दवाइयां एवं ऑक्सीजन उपलब्ध कराने तथा कोविड-19 की जांच के लिए कई केंद्र खोले गए हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत जांच कराएं तथा संक्रमित पाए जाने पर स्वास्थ्य विभाग से संपर्क कर दवाइयों का किट हासिल करें।
सीएमओ ने बताया कि घर में रहकर इलाज करा रहे लोगों के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने दवाइयों की किट उनके घरों पर पहुंचानी शुरू कर दी है। साथ ही बताया कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए पांच केंद्र बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर तथा रेमडेसिविर इंजेक्शन की दर तय कर दी गई है। अब यह दवा निजी अस्पतालों को 1800 रुपए में मिलेगी। इसके लिए डॉक्टरों के लिखने पर दवा को स्वास्थ्य विभाग उपलब्ध कराएगा। उन्होंने बताया कि गौतम बुद्ध नगर में अभी पर्याप्त मात्रा मे इंजेक्शन उपलब्ध है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण तेजी से फैला है और कई लोगों की जान जा चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दनकौर, दादरी, जारचा, जेवर, बिलासपुर और रबूपुरा कस्बे में रोजाना दो से चार लोगों की मौत हो रही हैं। चुनाव ड्यूटी में लगे कई लोग कोविड-19 की चपेट में आए हैं। शुक्रवार को बेसिक शिक्षा विभाग के दो प्रधान अध्यापकों की मौत हो गई। इनमें से एक ने पंचायत चुनाव के प्रशिक्षण में हिस्सा लिया था। संक्रमण के लक्षण दिखने के बाद उन्हें चुनाव ड्यूटी से दूर रखा गया था।
भारतीय किसान यूनियन (लोक शक्ति) के अध्यक्ष मास्टर श्योराज सिंह ने बताया कि गांव तथा कस्बों में रहने वाले काफी लोग शहरों में रोजगार कर रहे हैं। ग्राम पंचायत के चुनाव के दौरान वोट डालने आए काफी लोग संक्रमित थे और कोविड-19 नियमों की अनदेखी की वजह से ग्रामीण अंचल में कोरोना वायरस फैला।