नोएडा: नोएडा प्रशासन ने मुनाफाखोरी को रोकने के लिए कोविड टेस्ट और इलाज की दरें तय कर दी है। ये दरें केंद्र सरकार द्वारा गठित डॉ. विनोद पाल समिति के निर्देशों के मुताबिक तय की गई हैं। इन दरों के मुताबिक कोरोना से संक्रमित गंभीर मरीजों का आईसीयू में इलाज करने पर एनएबीएच-मान्यता प्राप्त अस्पतालों में प्रति दिन 18,000 रुपये से ज्यादा की रकम अस्पताल नहीं ले सकेंगे। इस 18 हजार रुपये में पीपीई की लागत भी शामिल है।
गैर-मान्यता प्राप्त अस्पताल गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए आईसीयू में इलाज पर रोजाना 15,000 रुपये से ज्यादा नहीं ले सकेंगे। वहीं एनएबीएच से मान्यता प्राप्त अस्पतालों में बिना वेंटिलेटर के आईसीयू का खर्च 15,000 रुपये से ज्यादा नहीं होगा जबकि अन्य अस्पतालों में यह दर 13,000 रुपये होगी।
एनएबीएच से मान्यता प्राप्त अस्पताल आइसोलेशन वाले बेड के लिए रोजोना 10 हजार रुपये से ज्यादा नहीं ले सकेंगे जबकि गैर-मान्यता प्राप्त अस्पताल 8 हजार से ज्यादा नहीं ले सकेंगे। इन सबमें पीपीई किट का खर्च भी शामिल है। वहीं आरटी-पीसीआर टेस्ट की 900 रुपये तय की गई है। आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए अस्पताल 900 रुपये से ज्यादा नहीं ले सकेंगे। इतना ही नहीं इस आदेश का उल्लंघन करनेवाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
जिला निगरानी अधिकारी डॉक्टर सुनील दोहरे ने बताया कि सोमवार सुबह एक मरीज की सेक्टर-39 स्थित कोविड-19 अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। उन्होंने बताया कि सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 227 नए मामले सामने आए हैं। दोहरे ने बताया कि फिलहाल जिले में 1300 से ज्यादा मरीजों का उपचार चल रहा है। जिला निगरानी अधिकारी ने बताया कि अब तक जनपद में 26 हजार से अधिक मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि कुल 27,732 मरीज सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में अब तक कोविड-19 के संक्रमण की वजह से 94 लोगों की मौत हो चुकी है।