तमाम मस्जिदों के इमामों से अपील की गई है कि जुम्मे की नमाज में लोगों को बताएं कि निकाह के मौके पर किसी भी किस्म का गैर सरियत काम न किया जाए। किसी भी किस्म का नाच गाना या डीजे या म्यूजिक का बिल्कुल भी इस्तेमाल न किया जाए। लड़के वालों की तरफ से किभी किस्म का दहेज की मांग न की जाए। इन बातों का ख्याल रखते हुए निकाह को एक इबादत की तरह किया जाए। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य और लखनऊ के मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने इस बात की जानकारी दी है।
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने निकाह को आसान बनाने, दहेज का बहिष्कार करने और शादियों में फिजूलखर्ची रोकने के लिए इकरारनामा जारी किया है। 11 बिंदुओं वाले इकरारनामे से फिजूलखर्ची रुकेगी, जबकि निकाह सादगी के साथ हो सकेगा। निकाह में गलत रस्मों को खत्म करने के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 10 दिवसीय अभियान शुरू किया है। छह अप्रैल तक चलने वाले अभियान के तहत बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सय्यद राबे हसनी नदवी व महासचिव मौलाना वली रहमानी ने इकरारनामा जारी किया है।