नई दिल्ली: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में देरी की वजह से अब संतों का धैर्य जवाब देने लगा है। इस बीच अयोध्या में महंत नृत्यगोपाल दास के जन्मोत्सव कार्यक्रम में 1000 संतों का समूह जुटा जिस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया कि राम मंदिर बनकर रहेगा। साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर राम मंदिर निर्माण को टालने की साजिश का आरोप भी लगाया। उन्होंने संत समाज से अपील की है कि वे कुछ दिन तक धैर्य रखें, भगवान राम की कृपा होगी तो अयोध्या में राम मंदिर जरूर बनेगा।
वैसे तो राम मंदिर का मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है लेकिन इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिशें बाहर भी हो रही हैं लेकिन सुलझाने की कोशिश में ये मामला सुलझने की बजाय और उलझता जा रहा है। अब यही उलझन संतों की नाराजगी की वजह बन रही है। अयोध्या में देश भर से हजारों संतों के साथ शंकराचार्य तक पहुंचे थे और इनके गुस्से की गर्मी को ठंडा करने के लिए लखनऊ से सीएम योगी आदित्यनाथ पहुंचे थे।
यहां उन्होंने कहा, 'जो लोग राम जन्मभूमि आंदोलन का विरोध करते थे, उनके मुंह से मंदिर की बात निकल रही है। यह एक साजिश भी हो सकती है, इससे सतर्क रहने की जरूरत है।' इस दौरान सीएम योगी ने विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वे लोग आज राम मंदिर की बात कर रहे हैं जिन्होंने राम भक्तों पर गोली चलवाई।
वैसे योगी सरकार के हाथ में फिलहाल कुछ भी नहीं है। कोर्ट ने वक्त दिया था कि मामले को बातचीत के जरिए सुलझा लें लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब कोर्ट की तारीख का इंतजार ही सबके हिस्से में और यही इतंजार संतों के गुस्से को भड़का रहा है। संतों की भावना का पूरा देश सम्मान करता है लेकिन इस देश की व्यवस्था में कोर्ट से ऊपर कुछ नहीं और कोर्ट में फिलहाल तारीख पर ही सबकुछ निर्भर है। बीजेपी जानती है कि अगर 2019 चुनाव के पहले कोर्ट का फैसला नहीं हुआ तो संतों का गुस्सा उनके वोटों के गणित को बिगाड़ देगा।