नई दिल्ली: सुन्नी वक्फ जमीन घोटाले में आजम खान पर CBI जांच की तलवार लटक रही है। मंत्री रहते हुए कब्रिस्तान की जमीन पर अवैध कब्जे का मामले में वे बुरी तरह फंसते जा रहे हैं। रामपुर में मौलाना अली जौहर यूनिवर्सिटी और रामपुर पब्लिक स्कूल का निर्माण वक़्फ़ की संपत्ति को ढहाकर किया जा रहा है। यह वक़्फ़ एक्ट 1995 और वक़्फ़ लीज रूल्स 2014 का खुला उल्लंघन है।
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आजम खान ने ज़ुहर फारुखी नाम के व्यक्ति के जरिए एक सीनियर पुलिस ऑफिसर (CO रैंक के) मिस्टर हसन को सुन्नी यतीमखाना और रामपुर की दूसरी वक़्फ़ प्रॉपर्टी का मुतवल्ली बना दिया। यह काम वक़्फ़ की प्रॉपर्टी को हड़पने के लिए किया गया। वो भी अपने परिवार के ट्रस्ट की खातिर।
रिपोर्ट में कहा गया है कि फैजल खान लाला के जरिए शिकायतें मिली है कि आले हसन आजम खान की शह पर कई संपत्तियों पर काबिज है। इस मामले की सीबीआई से जांच की जरूरत है। रिपोर्ट में लिखा हुआ है कि 3 एकड़ ज़मीन पर बनी इस प्रॉपर्टी जिसमें एक एकड़ की पार्किंग भी शामिल है का महीने का किराया 50 करोड़ रुपये हो सकता है। मगर यही प्रॉपर्टी आजम खान और उनकी बीवी के ट्रस्ट को महज ₹1 की सालाना किराए पर दे दी गई। रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि एक रुपए में तो अब एक टॉफ़ी भी नहीं खरीदी जा सकती है।
रिपोर्ट में आज़म और उनकी बीबी तंज़ीम फातिमा के ख़िलाफ़ षडयंत्र कर वक़्फ़ की ज़मीन हड़पने के मामले में क्रिमिनल कांस्पीरेसी (120 B ipc), झूठे मुकदमे दर्ज करवाना (ipc 211), फ़र्ज़ी आदेश जारी करवाना (ipc 467, 468) के तहत एफआईआर की सिफारिश की गई है। साथ ही यतीमखाने की प्रॉपर्टी हड़पकर उस पर निजी ज़ौहर यूनिवर्सिटी बनाने के मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है। साथ ही रिपोर्ट में सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को भंग करने की भी सिफारिश की गई है।
मंत्री रहते हुए आजम खान ने जो चाहा वही हुआ। जिसे चाहा बेघर करवा दिया। बड़ी बात ये है कि आजम खान कहीं सीधे तौर पर सामने नहीं आए। सब काम दूसरों के जरिए हुआ। रामपुर का यतीमखाना वक्फ नंबर 157 की जमीन पर आजम खान की नजर पड़ी तो अचानक पुलिस का सीओ यानि सर्किल ऑफिसर वक्फ 157 का मुतवल्ली बन गया। उसने बिना किसी नियम कायदे पचास करोड़ की जमीन आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा के ट्रस्ट को सिर्फ 1 रूपए के किराए पर तीस साल के लिए लीज पर दे दिया। इसके बाद मुतवल्ली यानि केयरटेकर पुलिस के सर्किल ऑफिसर के रोल में आ गया। इस यतीमखाने की जमीन पर जो बत्तीस परिवार पचास साल से रह रहे थे। इस पुलिस अफसर ने रातभर में इन आशियानों पर बुलडोजर चला दिया।