फैजाबाद/अयोध्या: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनकपुर से अयोध्या सीधी बस सेवा के यात्रियों का शनिवार को अयोध्या में पुष्प, अंगवस्त्र व नेपाली भाषा में अनूदित रामचरित मानस भेंट कर स्वागत किया और कहा कि भारत और नेपाल के बीच नए सांस्कृतिक संबंध की शुरुआत हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने शुक्रवार 11 मई को नेपाल के जनकपुर से इस ऐतिहासिक बस सेवा का शुभारंभ किया था। 66 यात्रियों को लेकर यह बस शनिवार सुबह लगभग 9 बजे अयोध्या के रामकथा पार्क पहुंची, जहां यात्रियों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी भी मौजूद थीं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-नेपाल संबंधों को नया आयाम दिया है। इस बस सेवा के शुरू होने से भारत और नेपाल के बीच नए सांस्कृतिक संबंधों की भी शुरुआत हो रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि अयोध्या-जनकपुर धाम बस सेवा दोनों राष्ट्रों के संबंधों को और मजबूत करेगी। इसके माध्यम से विकास की नई यात्रा भी आरंभ होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बस सेवा पड़ोसी देश नेपाल और भारत के पौराणिक समय से चले आ रहे सांस्कृतिक व आध्यात्मिक संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने में सहायक होगी। इस बस सेवा के जरिए श्रद्धालु भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या धाम तथा माता जानकी की जन्मस्थली जनकपुर धाम के बीच की 520 किलोमीटर की दूरी को सरलता और सुविधापूर्ण ढंग से तय कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों देश हजारों सालों से सांस्कृतिक व सामाजिक सबन्धों से जुड़े हुए हैं। ये एक ऐतिहासिक क्षण है। लोग बदले लेकिन हमारे संबंध आज भी अटूट हैं। महाराज दशरथ और राजा जनक का अटूट संबंध था। अयोध्या का जनकपुर और काठमांडू का काशी के साथ अटूट संबंध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरयू में गिर रहे नालों को बंद किया जाएगा। अयोध्या की ख्याति के अनुसार, यहां का विकास होगा, घाटों का विस्तार किया जाएगा।
इस अवसर पर नेपाल राष्ट्र के प्रांत संख्या-2 के मंत्री सरोज कुमार कुशवाहा ने कहा कि इस बस यात्रा के प्रारंभ होने से भारत और नेपाल के बीच रामायण कालीन संबंधों का नवीनीकरण हो रहा है, इससे धार्मिक पर्यटन को बल मिलेगा।
इस अवसर पर प्रांत संख्या-2 की मंत्री उषा यादव ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में उप महापौर जनकपुर धाम रीता कुमार मिश्रा भी उपस्थित थीं।
कार्यक्रम में महंत नृत्य गोपाल दास, सुरेश दास, कन्हैया दास, रामशरण दास, स्वामी रामानंद महाराज, कमल नयन दास, राघवदास, मोहनदास सहित जनप्रतिनिधिगण और शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल से आए अतिथियों को अयोध्या की संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिलेगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि नेपाल से आये तीर्थ यात्रियों के स्वागत के लिए 'अतिथि देवो भव' की परिकल्पना को साकार करें। यात्रियों को अयोध्या के धार्मिक स्थानों के भ्रमण तथा रात्रि विश्राम आदि में किसी प्रकार की दिक्कत न आए।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सरयू आरती की भव्य शुरुआत की है तथा रामलीला का अनवरत मंचन भी प्रारंभ कराया है। भगवान श्री राम की कथा का प्रसार थाईलैंड, कोरिया तथा इंडोनेशिया आदि अनेक देशों में है तथा वहां के रामलीला दल अयोध्या में रामलीला का मंचन भी करते हैं।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भारतीय डाक विभाग द्वारा प्रकाशित 'स्पेशल कवर' का अनावरण भी किया। यह स्पेशल कवर पिछले वर्ष दीपावली के अवसर पर अयोध्या में सरयू तट पर आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम पर आधारित है। डाक विभाग का यह प्रकाशन अयोध्या की वैश्विक पहचान स्थापित कर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करने का काम करेगा। साथ ही दीपोत्सव के आयोजन की स्मृतियों को लंबे समय तक संरक्षित करने में भी सहायक होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष अयोध्या में दीपोत्सव कार्यक्रम के दौरान 133 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास किया गया था। भारत सरकार ने राम-जानकी मार्ग को पूर्ण करने का जिम्मा भी लिया है। मार्ग बन जाने पर जनकपुर से अयोध्या पहुंचने में 10 से 12 घंटे की जगह मात्र 6 से 7 घंटे ही लगेंगे।