लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बेहद प्रभावशाली नेताओं में एक मानेजानेवाले नसीमुद्दीन सिद्दीकी को विधान परिषद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। लोकसभा चुनाव से पहले नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली थी जिसके चलते बहुजन समाज पार्टी ने दल बदल कानून के तहत विधान परिषद के सभापति के पास अपील की थी जिस पर विधान परिषद के सभापति ने अपना फैसला दिया। इस फैसले के मुताबिक 22 फरवरी 2018 से नसीमुद्दीन सिद्दीकी को अयोग्य घोषित किया गया।
आपको बता दें कि एक समय नसीमुद्दीन सिद्दीकी बसपा प्रमुख मायावती के बेहद खास माने जाते थे। सिद्दीकी ने 1988 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और 1991 में वे पहली बार बीएसपी के टिकट पर जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे। 1993 में वे चुनाव हार गए।
1995 में जब मायवती पहली बार यूपी के सीएम का पद संभाला तो उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया। 1997, 2002 में भी वे यूपी कैबिनेट का हिस्सा रहे। 2007 में जब मायावती पूर्ण बहुमत के साथ यूपी में सीएम बनीं तो एकबार फिर नसीमुद्दीन सिद्दीकी को अपनी कैबिनेट में शामिल किया।