गुरुग्राम. हरियाणा के गुरुग्राम में नमाज में विघ्न डालने के मामले में 26 लोगों की गिरफ्तारी के बाद अब गुरुग्राम प्रशासन ने दूसरा बड़ा एक्शन लिया है। गुरुग्राम प्रशासन ने नमाज पढ़ने के लिए निर्धारित की गई 37 तय जगहों में से 8 जगहों को लिस्ट में से हटा दिया गया है। ये 37 जगह हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोगों की आपसी बैठक के बाद तय की गई थीं। मंगलवार को जिला प्रशासन ने गुरुग्राम शहर में तय 37 जगहों में से आठ स्थलों पर नमाज की अनुमति वापस ले ली। गुरुग्राम पुलिस के एक बयान में, अधिकारियों ने कहा कि निर्णय "स्थानीय निवासियों और निवासी कल्याण संघों की आपत्ति" के बाद लिया गया था।
गुरुग्राम पुलिस के उपायुक्त यश गर्ग ने एक उप-विभागीय मजिस्ट्रेट, एक एसीपी-स्तरीय पुलिस अधिकारी, हिंदू और मुस्लिम समुदायों के सदस्यों और सामाजिक संगठनों की एक समिति का गठन किया, ताकि उन स्थानों की सूची की पहचान की जा सके जहां शुक्रवार की नमाज "भविष्य में" की जा सकती है। गर्ग ने किहा, "पिछले दो दिनों में, मैंने दोनों समुदायों के प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की है। एक समिति का गठन किया गया है और यह आने वाले दिनों में सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करेगी और समाधान निकालने की कोशिश की जाएगी।"
आपको बता दें कि कमेटी की पहली बैठक बुधवार को होगी। पुलिस के बयान में कहा गया है, "समिति यह सुनिश्चित करेगी कि किसी सड़क, चौराहे या सार्वजनिक स्थान पर नमाज नहीं पढ़ी जाए। नमाज के लिए किसी स्थान की पहचान करने या उसे नामित करने का निर्णय स्थानीय निवासियों से सहमति लेने और यह सुनिश्चित करने के बाद लिया जाएगा कि क्षेत्र के निवासियों को उस क्षेत्र में नमाज अदा करने का कोई विरोध नहीं है। प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि निर्णय से आम जनता को असुविधा न हो और कानून व्यवस्था बनी रहे। नमाज़ किसी भी मस्जिद, ईदगाह या किसी निजी/निर्धारित जगह पर पढ़ी जा सकती है।"
पुलिस के बयान में ये भी कहा गया कि किसी भी सार्वजनिक या खुले स्थान पर नमाज अदा करने के लिए प्रशासन से अनुमति अनिवार्य है। आपको बात दें कि गुरुग्राम जिला प्रशासन के आदेस लेने से पहले हिंदू संगठनों के लोगों ने सुबह करीब 11 बजे डीसी से मुलाकात की और दोहराया कि वे सभी 37 "नामित" साइटों पर नमाज का विरोध करना जारी रखेंगे। वहीं मुस्लिम एकता मंच के शहजाद खान ने कहा कि नमाज की अनुमति वापस लेने को "असंवैधानिक" बताया है।
उन्होंने कहा, "हम कमेटी की बैठक में इसका विरोध करेंगे। मैं उस दबाव को समझने में विफल हूं जिसके तहत यह फैसला किया गया है। हमने अच्छी नियत से अधिकारियों के साथ बैठकें की थीं। इस बात पर सहमति बनी कि अगर हिंदू समुदाय वहां पूजा करना चाहता है तो हम सेक्टर 12 साइट से स्थानांतरित हो जाएंगे। हमने कहा था कि अगर वक्फ बोर्ड की संपत्तियों से अतिक्रमण हटा लिया जाता है तो हम वहां नमाज अदा कर सकते हैं। लेकिन यह आदेश उस भावना के खिलाफ है। हम कहां नमाज अदा करेंगे? गुड़गांव में 5 लाख से ज्यादा मुसलमान हैं और नमाज अदा करने के लिए सिर्फ 13 मस्जिदें हैं।"