ग्रेटर नोएडा: देश में पहली बार अपने आप में अनूठी क्रिकेट लीग...जहां पर घर संभालने वाली महिलाएं दिखाएंगी अपने क्रिकेट के जौहर, बेलन की जगह होगा क्रिकेट बैट और किचन की जगह होगी 16 यार्ड की पिच। रेसेपीस की जगह होंगे स्कोरकार्ड्स, हुनर होगा डिनर टेबल की जगह क्रिकेट ग्राउंड पर।
ग्रेटर नोएडा की एक नई सोसाएटी में रोज चल रहे हैं प्रैक्टिस मैच। जज्बों से टकरा रही हैं मुश्किलें, हिम्मतों से लड़ रहा है हुनर और सारी बंदिशें तोड़ती उस खेल को नई ऊंचाइयों पर ले जाती घर की महिलाएं। जहां उनकी मदद कर रहा है सो कॉल्ड 'पुरुष प्रधान समाज।'
10 टीमें, 120 खिलाड़ी, 20 कोचेज़ और 1 खेल, नाम मायवुड महिला क्रिकेट लीग। पूरी सोसाएटी में हर तरफ इस टूर्नामेंट का ही बोलबाला है। हर ओर हाथों में बैट और बॉल लिए महिलाएं ही दिखाई देती हैं। व्हॉट्स एप पर क्रिकेट के शॉट्स की चर्चा, सुबह-शाम महिलाओं से भरा पार्क, आउज़ दैट, वॉट अ शॉट और शाबाश-शाबाश की आवाजें पूरी सोसाएटी में गूंजती हैं ऐसा लगता है कि मानो कि दुनिया के बड़े से बड़े टूर्नामेंट का रोमांच भी इसके आगे फीका हो। रोज सुबह 5 बजे से रात 11 बजे तक सोसाएटी में चारों ओर जैसे क्रिकेट का तूफान घूमता है। चाहे घर हो या मैदान हर तरफ बस इसी लीग की बात है।
यहां हर पुरुष महिलाओं के जोश और हुनर को बढ़ावा देने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है। आपको आजकल अकसर यहां पुरुष बच्चों को स्कूल छोड़कर आते, सब्जियां खरीदकर लाते और छोटे बच्चों को संभालते दिखाई देते हैं।
सोसाएटी के लोगों ने मिलकर एक कमिटि बनाई है जिसको क्रिएटिव टीम, क्रिकेट कंट्रोल टीम, अकाउंट्स टीम और मीडिया टीम के अलावा एक बड़े वॉलंटियर ग्रुप में बांटा गया है। जिसमें सभी लोग कंधे से कंधा मिलाकर इस लीग को शानदार और यादगार रूप देने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं।
देश में महिलाओं के खेलों को आगे बढ़ाने में एक कदम जोड़ती इस लीग की शुरुआत हो रही है 4 मई (शुक्रवार), 2018 को। लीग को 5 दिनों में बांटा गया है। 10 टावर्स की 10 टीमों के 2 पूल बनाए गए हैं। दोनों पूल की हर टीम को चार लीग मैच खिलाए जाएंगे। जिनको जीतकर 4 टीम सेमीफाइनल में जाएंगी। उसके बाद फाइनल मैच होगा। खेल का फॉर्मेट इस तरह का बनाया गया है जिसमे हर खिलाड़ी को अपना हुनर दिखाने का पूरा मौका दिया जाएगा। दिन और रात दोनों फॉर्मेट में मैच का रोमांच यहां देखने लायक होगा।
(अनिल शर्मा)