नई दिल्ली: ट्रिपल तलाक का मुस्लिम महिलाएं अब मुखर विरोध कर रही हैं। ऐसा ही एक मामला बिजनौर में सामने आया जब एक मुस्लिम महिला को उसके पति ने फोन पर ही तलाक दे दिया। जिसके बाद महिला ने हिंदू धर्म अपना लिया। महिला ने साथ ही पीएम मोदी से मदद की गुहार लगाई है। महिला को उसके पति ने कतर से ही फोन पर तलाक दे दिया था।(उपचुनाव नतीजे: 10 में से 5 सीटों पर बीजेपी का कब्जा, AAP की जमानत जब्त)
पीड़िता का नाम अरीबा खान है उसकी शादी 11 अप्रैल 2012 को बिजनौर के नहटौर में महमूद इशहाक के साथ हुई थी। महमूद कतर में सिविल इंजिनियर है। शादी के बाद से ही ससुराल में उसे परेशान किया जाने लगा। एक साल बाद उसके एक बेटी हुई। काफी मनाने और जिद करने पर उसका पति मां बेटी को कतर ले गया। सात-आठ महीने वहां रखा।
उसके बाद अपनी नौकरी छूटने की बात कहकर उन्हें और बेटी को बिजनौर छोड़ गया। कुछ दिन बिजनौर में साथ रहने पर दिल्ली और मुंबई में नौकरी की तलाश का बहाना कर फिर से कतर चला गया। इसी दौरान 9 अप्रैल 2015 को कतर से ही टेलिफोन पर उसे तलाक दे दिया।
अरीबा का कहना है कि रिश्ता बनाकर रखने की काफी कोशिश की लेकिन पति नहीं माने। मजबूर होकर उसने नहटौर थाने में एफआईआर दर्ज करा दी। तभी से न्याय के लिए वह लड़ रही हैं। उसका कहना है कि तीन तलाक का मुद्दा खत्म करने के पीएम मोदी के भरोसे देने के बाद उसने बीजेपी को वोट किया था। अब केंद्र और प्रदेश में सरकार बीजेपी की है, इस क्रूरतम ट्रिपल तलाक के मुद्दे को खत्म किया जना चाहिए।
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