बुलंदशहर. भारत में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत हर नागरिक के अधिकारों का ख्याल रखा गया है और इसी लिए कैदियों को पैरोल पर जेल से बाहर आने की अनुमति भी दी जाती है। लेकिन कुछ कैदी इस नियम का गलत फायदा उठाते हैं। ताजा मामला सामने आया है बुलंदशहर से, जहां पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो साल 2004 में पैरोल पर जेल से बाहर आया था और तब से अब तक प्रशासन की आंखों में धूल झोंकता रहा।
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उत्तर प्रदेश पुलिस ने अनीराज सिंह नाम के एक ऐसे अपराधी को गिरफ्तार किया है, जो साल 2004 में पैरोल पर जेल से बाहर आया था और तब से अब तक वो अपनी पहचान छिपा कर अन्य स्थान पर रह रहा था। मेरठ के सरधना के रहने वाले अनीराज सिंह को साल 1988 में मर्डर केस में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। उसे साल 2004 में पैरोल दी गई।
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इसके बाद अनीराज ने फर्जी डॉक्यूमेंट्स के जरिए खुद को मृत घोषित करवा दिया। बुलंदशहर के एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि वो पिछले 16 सालों से पहचान छिपा कर दूसरी जगह पर रह रहा था। उन्होंने बताया कि पिछले साल मेरठ पुलिस को पता चला को वो जीवित है, तब उसपर 20 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया। पुलिस ने उसे एक पिस्टल और कई कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया और अब उसे जेल भेज दिया है।
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IG मेरठ रेंज प्रवीण कुमार ने बताया, " अनीराज 2004 में पैरोल पर बाहर आया था और तब से फरार है। मेरठ पुलिस ने उस पर 20,000 रुपये के इनाम की घोषणा की। बुलंदशहर पुलिस ने खुफिया जानकारी जुटाई और पाया कि उसने जाली प्रमाण पत्रों के जरिए खुद को मृत घोषित करवाया और उसे अदालत में पेश किया है। इस मामले में एक केस दर्ज कर लिया गया है।