चंडीगढ़। उत्तर प्रदेश का बाहूबली विधायक और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी बुधवार को मोहाली कोर्ट में पेश होने के समय व्हील चेयर पर बैठा हुआ नजर आया। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को पंजाब से उत्तर प्रदेश में शिफ्ट करने का आदेश दिया है और बुधवार को मोहाली कोर्ट में पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी ने पंजाब पुलिस पर ही आरोप लगा दिया कि वह उसे फंसा रही है। मुख्तार अंसारी ने कोर्ट से बाहर निकलते समय मीडिया से कहा कि पंजाब सरकार उसे फंसा रही है और उसके ऊपर झूठे आरोप लगाए गए हैं।
2005 से जेल में बंद है मुख्तार अंसारी
मुखतार अंसारी (हिस्ट्रीशीट नम्बर 16 बी) 2005 से जेल में बंद है। कृष्णानन्द राय की हत्या के मामले में बरी होने के बाद मुख्तार पंजाब चला गया। पहले मुख्तार पर 47 मुकदमे दर्ज थे, जिनमें 14 में बरी और 29 में चार्जशीट हो गई है। 7 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लग गई है। 4 केस वापस ले लिए गए हैं। पंजाब के रोपड़ में रंगदारी के मुकदमे में मुख्तार करीब डेढ़ साल पहले रोपड़ जेल गया था फिर यूपी नहीं आया। यूपी में चल रहे मामलों में मुख्तार की कोर्ट में पेशी की कई बार पुलिस ने कोशिश की लेकिन कामयाबी नहीं मिली। अभी गाजीपुर जिले के मुहम्मदाबाद कोतवाली में फर्जी दस्तावेज के जरिए असलहे का लाइसेंस लेने का मुकदमा है जिसकी सुनवाई प्रयागराज के MP MLA कोर्ट में चल रही है। यहां की पुलिस 3 बार सम्मन लेकर रोपड़ जेल जा चुकी है लेकिन मुख्तार अंसारी बीमारी की आड़ में कोर्ट में पेश नहीं हुआ। अक्टूबर 2020 में भी पुलिस प्रयागराज की MP MLA कोर्ट का सम्मन लेकर रोपड़ जेल गई थी लेकिन मुख्तार पेश नहीं हुआ।
रूपनगर के सीविल सर्जन के दफ्तर से मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट से मुख्तार कोर्ट में पेश होने से बच गया। रिपोर्ट के मुताबिक मुख्तार को स्लिप डिस्क, डायबीटीज़ और डिप्रेशन की शिकायत है और तीन महीने तक बेड रेस्ट की ज़रूरत है। प्रयागराज के MP MLA कोर्ट में मुख्तार पर दस मुकदमे चल रहे हैं। मुख्तार की तरफ से प्रयागराज के जिला जज के यहां अपील की गई है कि कोर्ट में पेशी से उसे छूट दी जाए क्योंकि यूपी के जेल में उसकी मुन्ना बजरंगी की तरह हत्या हो सकती है।
मुख्तार के ऊपर जो मुकदमे चल रहे है उनमें हत्या जैसे संगीन मुकदमे भी है। इलाहबाद हाईकोर्ट में मुख्तार पर हत्या का मुकदमा चल रहा है, जहां आरोप है कि मुख्तार बीमारी का बहाना बनाकर पेश नहीं हो रहा। अगस्त 2009 में मऊ के यूनियन बैंक चौराहे पर अजय प्रकाश उर्फ मन्ना सिंह हत्या कर दी गई थी। मन्ना की तो मौके पर मौत हो गई बाद में मन्ना के साथी राजेश राय की मौत हो गई। मुख्तार पर जेल से हत्त्या कराने का आरोप लगा। मन्ना सिंह ने मुख्तार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया, सेशन कोर्ट से इस मामले में मुख्तार बरी हो गया। अब मन्ना सिंह के भाई अशोक सिंह ने हाईकोर्ट में अपील की है लेकिन मुखतार पेशी पर नहीं आ रहा।
इस मामले के गवाह राम सिंह मौर्य को मार्च 2010 में मऊ के RTO दफ्तर में भीड़भाड़ वाले जगह पर मार दिया गया, मौर्य का सुरक्षाकर्मी भी मारा गया। इन दोनों हत्याओं के इल्ज़ाम भी मुखतार पर हैं और इस मामले में प्रयागराज की MP MLA कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इस केस में भी मुखतार पेश नहीं हो रहा और प्रयागराज के जिला जज के यहां अपील की है कि पर्सनल पेशी से छूट मिले।
दोषी पाए जाने पर उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा
मुख़्तार के खिलाफ प्रयागराज की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में कुल 10 मुक़दमे लम्बित हैं, इनमे से डबल मर्डर का एक मामला फाइनल स्टेज पर है, जिसका ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है और कभी भी फैसला आ सकता है। इसके अलावा बाकी नौ मुकदमों में छह में इन दिनों गवाही के साथ ट्रायल चल रहा है। बाकी 3 मुकदमों में अभी अदालत ने मुख्तार पर चार्ज फ्रेम यानी आरोप तय नहीं किए हैं। 10 मुकदमों में से अकेले चार गैंगस्टर के हैं। गैंगस्टर के तीन मुक़दमे गाज़ीपुर जिले के हैं, जबकि एक मऊ जिले का है। इसके अलावा मुख़्तार पर हत्या और जानलेवा हमले के भी मुक़दमे चल रहे हैं। मऊ जिले के दक्षिण टोला थाने में दर्ज एफआईआर में तो मुख़्तार को उम्र कैद से लेकर फांसी तक की सज़ा हो सकती है। एमपी एमएलए कोर्ट में मुख्तार के खिलाफ दस मुक़दमे चल रहे हैं तो एक मुकदमा खुद मुख्तार ने वारणासी जेल में बंद माफिया बृजेश सिंह के खिलाफ दाखिल कर रखा है। मुख़्तार ने इस मामले में गवाही शुरू कराने के लिए फरवरी महीने में कोर्ट से गुहार भी लगाई है। बीस साल पुराने इस मुक़दमे में ट्रायल फिलहाल रुका हुआ है। बाहुबली मुख्तार के खिलाफ एक चर्चित मुकदमा फर्जी तरीके से शस्त्र लाइसेंस हासिल करने का भी है।
ये मुकदमे हैं पेंडिंग
- मुख्तार के खिलाफ सबसे बड़ा मुकदमा मऊ के दक्षिण टोला थाने में दर्ज डबल मर्डर केस का है। पूर्वांचल के मऊ जिले में साल 2009 में ए कैटेगरी के बड़े ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह उर्फ़ मन्ना की दिन दहाड़े बाइक सवार हमलावरों ने एके 47 का इस्तेमाल कर हत्या कर दी थी। हत्या का आरोप बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी पर लगा था। इस मर्डर केस में मन्ना का मुनीम राम सिंह मौर्य चश्मदीद गवाह था। गवाह होने के चलते राम सिंह मौर्य को सतीश नाम का एक गनर भी दिया गया था। साल भर के अंदर ही आरटीओ आफिस के पास राम सिंह मौर्य और गनर सतीश को भी मौत के घाट उतार दिया गया था। इस मामले में भी मुख्तार अंसारी और उसके करीबियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। इस मुकदमे का ट्रायल अब आखिरी दौर में है और तीन-चार सुनवाई के बाद महीने-डेढ़ महीने बाद फैसला आ सकता है। इस मामले में मुख़्तार पर जेल में रहते हुए हत्या की साजिश रचने का आरोप है।
- हत्या का एक और मुकदमा वाराणसी जिले का है, यह मामला कांग्रेस के नेता अजय राय के भाई की हत्या से जुड़ा हुआ है। इस मामले में चेतगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी, यह मुकदमा इस वक्त गवाही में चल रहा है। मामले से जुड़ी तमाम फाइल अभी वाराणसी कोर्ट से स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में नहीं आ सकी है। कांग्रेस नेता अजय राय इस मामले में वादी और गवाह दोनों हैं। इस मामले में भी तेजी से सुनवाई चल रही है।
- तीसरा मुकदमा आजमगढ़ जिले में हुई हत्या से जुड़ा हुआ है। मुख्तार पर इस मामले में भी आईपीसी की धारा 302 यानी हत्या और 120 B यानी साजिश रचने का है। इस मामले की एफआईआर आजमगढ़ के तरवा थाने में दर्ज हुई थी। मुकदमा यूपी सरकार बनाम राजेंद्र पासी व अन्य के नाम से चल रहा है। इस मामले में अभी मुख्तार पर आरोप तय नहीं हुए हैं।
- मुख्तार के खिलाफ चौथा मुकदमा हत्या के प्रयास से जुड़ा हुआ है. यह मामला गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में आईपीसी की धारा 307 और 120 B के तहत दर्ज हुआ था. मुक़दमे की प्रक्रिया साल 2010 में ही शुरू हो गई थी। इसमें मुख्य आरोपी सोनू यादव केस से बरी हो चुका है। मुख्तार का मामला अभी ट्रायल की स्टेज पर है और काफी दिनों से सुनवाई ठप पडी हुई है।
- मुख्तार के खिलाफ पांचवा मामला फर्जी शस्त्र लाइसेंस हासिल करने से जुड़ा हुआ है। यह मुकदमा गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज हुआ था। इसमें मुख्तार के खिलाफ दो केस दर्ज हुए हैं। पहला आईपीसी की धारा 419-420 और 467 यानी धोखाधड़ी व फर्जीवाड़े का है तो दूसरा आर्म्स एक्ट से जुड़ा हुआ है। इस मामले में अभी मुख्तार पर अदालत से आरोप तय होना बाकी है। आरोप तय होने के बाद ही ट्रायल यानी मुकदमा शुरू होगा।
- मुख्तार के ख़िलाफ़ छठा मुकदमा वाराणसी के भेलूपुर थाने में धमकी देने से जुड़ा हुआ है। यह मुकदमा साल 2012 से शुरू हुआ है, इसमें आईपीसी की धारा 506 के तहत एफआईआर दर्ज है। इस मामले में अभी मुख्तार पर आरोप तय नहीं हुए हैं। मुकदमे का केस नंबर 354/12 है।
- मुख्तार के खिलाफ इलाहाबाद की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में गैंगस्टर के चार मुक़दमे चल रहे हैं। इन चारों में आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं। अदालत ने चारों मामलों में मुख्तार पर आरोप भी तय कर दिए हैं। चार में से तीन मामले गाज़ीपुर जिले के अलग-अलग थानों के हैं, जबकि चौथा मऊ जिले का है। पहला मामला गाजीपुर के कोतवाली थाने का है। इस मामले में आरोप पत्र दाखिल है और मामला साक्ष्य यानी ट्रायल के स्तर पर है, मुक़दमे का नंबर 7/12 है।
- मुख्तार के खिलाफ आठवां मामला भी गैंगस्टर का ही है। यह मामला गाजीपुर के करांडा थाने से जुड़ा हुआ है। इस मामले में आरोप तय हैं और मुकदमे का ट्रायल पेंडिंग है। स्पेशल ट्रायल के इस मुकदमे का नंबर 557/12 है।
- मुख्तार के खिलाफ नौवां मामला भी गैंगस्टर एक्ट के तहत की गई कार्रवाई का ही है। इस मामले में गाज़ीपुर के मोहम्मदाबाद कोतवाली में केस दर्ज किया गया था। यह मुकदमा भी ट्रायल के लेवल पर है। इसका केस नंबर 90/12 है।
- मुख्तार के खिलाफ दसवां और आखिरी मुकदमा भी गैंगस्टर एक्ट का ही है। इस मामले में मऊ जिले के दक्षिण टोला थाने में केस दर्ज है। मुकदमे का ट्रायल साल 2012 में शुरू हुआ था, इस मामले में अदालत से मुख्तार पर आरोप तय हो चुके हैं. इस मुक़दमे का नंबर 2/12 है।