चंडीगढ़। उत्तर प्रदेश के बाहूबली डॉन मुख्तार अंसारी को पंजाब की मोहाली कोर्ट से निराशा हाथ लगी है, कोर्ट ने मुख्तार अंसारी के उन दावों को खारिज कर दिया है जिसमें मुख्तार ने अपनी खराब सेहत का हवाला दिया था। अदालत ने मुख्तार अंसारी की उस मांग को भी खारिज कर दिया है जिसमें उसने अपने लिए मेडकल बोर्ड के गठन की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को पंजाब की जेल से उत्तर प्रदेश में भेजने का निर्देश दिया है और मुख्तार उत्तर प्रदेश में जाने से बचने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहा है।
लेकिन मोहाली कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को बड़ा झटका दिया है और उसकी मांग को नकार दिया है। इतना ही नहीं, मोहाली कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 12 अप्रैल के दिन उत्तर प्रदेश की जेल से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रंगदारी के एक मामले में पेश होने के लिए कहा है। मुख्तार अंसारी पंजाब में रंगदारी के एक मामले के आरोप में जेल में बंद है।
जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी की पत्नी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर उनसे हस्तक्षेप करने और पति की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। अफ्शा अंसारी ने कहा कि उन्हें अपने पति मुख्तार की जान को खतरे का डर है, जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पंजाब से उत्तर प्रदेश स्थानांतरित करने का आदेश दिया। बुधवार को कोविंद को भेजे गए 14 पन्नों के एक पत्र में, अफ्शा ने दावा किया कि झूठी कहानी गढ़कर उनके पति को मुठभेड़ में मार दिया जा सकता है, अगर यूपी पुलिस के अधिकारियों को मुख्तार की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार बनाए बिना उन्हें पंजाब से लाने की अनुमति दी जाती है।
हालही में उत्तर प्रदेश के बाहुबली मुख्तार अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश में भेजने का आदेश दिया है। फिलहाल मुख्तार अंसारी पंजाब की जेल में बंद है और उत्तर प्रदेश सरकार आरोप लगाती रही है कि पंजाब की कांग्रेस सरकार में उसे संरक्षण दिया जा रहा है। इसी मामलों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी और सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के हित में फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने 2 हफ्ते के अंदर मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश भेजने का निर्देश दिया है।