अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में कथित रूप से भुखमरी के कारण बुरी हालत में पहुंच चुके 5 बच्चों और उनकी मां को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मंगलवार को जिला अस्पताल में भर्ती कराए गए इस परिवार की देखभाल कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि जब इन लोगों को अस्पताल लाया गया था तो उनकी हालत बेहद खराब थी और वे मुश्किल से ही बोल पा रहे थे। सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर इस सिलसिले में खबर प्रसारित होने के बाद जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह पड़ताल के लिए फौरन मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार को राहत दिलाई।
‘कुछ महीने पहले गुजर गए थे पति’
अस्पताल में अपने 5 बच्चों के साथ भर्ती गुड्डी (40) ने बुधवार को कहा कि उनका घर सासनी गेट थाना क्षेत्र स्थित मंदिर का नगला इलाके में स्थित है। पिछले साल कोविड-19 संक्रमण के कारण उनके पति की मौत हो गई थी। गुड्डी ने बताया कि परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य के गुजर जाने की वजह से सारी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। इसके निर्वहन के लिए उन्होंने एक ताला बनाने वाली फैक्ट्री में काम किया जो कुछ महीने पहले बंद हो गई है। गुड्डी ने बताया कि उनके सबसे बड़े बेटे अजय (20) ने दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम शुरू किया लेकिन पिछले अप्रैल में महामारी की दूसरी लहर के मद्देनजर लागू कोरोना कर्फ्यू की वजह से उसके परिवार की मुसीबतें एक बार फिर बढ़ गईं।
‘आमदनी का जरिया ही खत्म हो गया’
गुड्डी ने कहा कि आमदनी का कोई भी जरिया ना होने पर भुखमरी की स्थिति बन गई। परिवार ने करीब 8 हफ्तों तक पड़ोस के कुछ लोगों द्वारा दी गई रोटियों पर गुजारा किया, मगर करीब 10 दिन पहले वह सहारा भी खत्म हो गया और पूरा परिवार दाने-दाने को मोहताज हो गया। इस परिवार की दुर्दशा को जब मीडिया ने दिखाया तो जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने उपजिलाधिकारी कुंवर बहादुर सिंह की अगुवाई में 3 अफसरों की एक टीम को पड़ताल के लिए भेजा और परिवार को अनाज, खाने-पीने का अन्य सामान और 5000 रुपये की फौरी मदद भी भेजी।
‘मामले की जांच की जा रही है’
अलीगढ़ के जिलाधिकारी ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। बेसहारा हो चुके परिवार की इस हालत की खबर मिलने पर सामाजिक कार्यकर्ता सुनील कुमार ने आगे आकर परिवार को भोजन तथा अन्य राहत सामग्री उपलब्ध कराई। सामाजिक कार्यकर्ता विष्णु कुमार बंटी ने इस मामले की पूर्ण जांच की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने घर-घर सर्वे कराए जाने की भी मांग की है ताकि लॉकडाउन के कारण अपनी आजीविका खो चुके ऐसे ही अन्य जरूरतमंदों के बारे में भी पता लग सके। (भाषा)