रामपुर। सपा सासंद मोहम्मद आजम खान को जौहर यूनिवर्सिटी गेट प्रकरण में बड़ा झटका लगा है। सोमवार को जौहर विश्वविद्यालय का मुख्य गेट तोड़े जाने के मामले में जिला जज की कोर्ट से आजम खान को बड़ा झटका लगा है। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने जौहर यूनिवर्सिटी और आजम खान पक्ष की अपील खारिज करते हुए एसडीएम कोर्ट का फैसला बरकरार रखा।
जनपद न्यायाधीश गौरव कुमार श्रीवास्तव ने जौहर यूनिवर्सिटी का गेट तोड़े जाने के एसडीएम कोर्ट के आदेश को बहाल रखते हुए यूनिवर्सिटी की ओर से दाखिल अपीलों को खारिज कर दिया। इसके बाद रामपुर स्थित मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी का गेट टूटने रास्ता साफ हो गया है। हालांकि, कोर्ट ने जुर्माना की राशि को लेकर राहत दी है। जुर्माने की राशि सवा तीन करोड़ रुपये से घटाकर 1.63 करोड़ रुपये कर दी है।
बता दें कि, जौहर विश्वविद्यालय के मुख्य गेट को तोड़े जाने का मामला करीब दो साल से सेशन कोर्ट में विचाराधीन चल रहा था। एसडीएम सदर की कोर्ट ने 25 जुलाई 2019 को विश्वविद्यालय के मुख्य गेट को अवैध मानते हुए इसे तोड़ने के आदेश जारी किए थे। जौहर यूनिवर्सिटी के कर्ताधर्ताओं पर आरोप था कि उन्होंने लोक निर्माण विभाग सड़क पर कब्जा कर गेट बनाकर रास्ता बंद कर दिया गया। इसके साथ ही जुर्माने के आदेश भी दिए गए थे।
जिसके बाद सपा सांसद आजम खान ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। मोहम्मद आजम खान और मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी पक्ष ने एसडीएम कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट ने आजम खान की याचिका खारिज करते हुए उन्हें जिला जज की कोर्ट में अपील दायर करने को कहा था। सोमवार को जिला जज की कोर्ट ने भी उनकी अपील खारिज करते हुए एसडीएम सदर कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा।
एसडीएम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए रामपुर जिला प्रशासन मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी का गेट तोड़कर पीडब्ल्यूडी की सड़क को कब्जा मुक्त कराएगा। जिला शासकीय अधिवक्ता सिविल राजीव अग्रवाल ने बताया कि इस मामले में कोर्ट ने 2 अपील खारिज की हैं, एक जौहर यूनिवर्सिटी पक्ष की थी और एक आजम खान की ओर से दायर की गई थी।
भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने 2019 में की थी शिकायत
बता दें कि, बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने 2019 में जौहर यूनिवर्सिटी गेट मामले में शिकायत की थी। आकाश सक्सेना का कहना है कि जौहर यूनिवर्सिटी का गेट सरकारी जमीन पर बना है। करीब 13 करोड़ की लागत से सड़क बनी थी, उस पर गेट बना दिया। एसडीएम सदर कोर्ट ने गेट तोड़ने के आदेश दिए। आजम खान इस फैसले के खिलाफ जिला कोर्ट गए, उनकी अपील खारिज हो गई है। मेरी मांग है कि सरकारी जमीन पर बने गेट को तोड़ा जाए, सड़क को खाली किया जाए।