लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश विधानसभा चुनाव में विपक्षियों के हमलों को उनकी हताशा का नतीजा करार देते हुए आज कहा कि विरोधियों के हाव-भाव और गुस्सा यह बता रहा है कि उनकी जमीन खिसक चुकी है।
अखिलेश और राहुल ने यहां संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में अपने गठबंधन के प्रगति के 10 कदम प्रतिब हैं हम संकल्प पत्र का विमोचन करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा बसपा मुखिया मायावती द्वारा उन पर व्यक्तिगत छींटाकशी किये जाने पर कहा कि चुनाव एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है। इसमें ज्यादा भावनात्मक या गुस्सा होने की जरूरत नहीं है। यह कहीं ना कहीं बता रहा है कि उनकी जमीन खिसक गयी है।
सपा-कांग्रेस गठबंधन दो युवाओं का गठबंधन है
अखिलेश ने कहा कि विपक्षी लोग सपा और कांग्रेस के गठबंधन को दो कुनबों का गठबंधन कह रहे हैं लेकिन दरअसल यह दो युवाओं का गठबंधन है। हम युवाओं को जोडेंगे। मैं तमाम मतदाताओं का धन्यवाद देता हूं। पहले चरण का चुनाव हो रहा है। इसमें साइकिल और कांग्रेस को सबसे पहले वोट पड़ा है, और जो आगे होता है, वह आगे ही रहता है।
राहुल और अखिलेश ने कहा कि प्रगति के 10 कदम प्रतिब हैं हम संकल्पपत्र को हम दोनों ने मिलकर बनाया है। कांग्रेस और सपा की सरकार बनने पर इन 10 फैसलों पर प्राथमिकता के साथ काम किया जाएगा। इसमें फ्री स्मार्ट फोन, 20 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण, किसानों को फसली राहत, सस्ती बिजली, एक करोड़ गरीब परिवारों को एक हजार रुपये मासिक पेंशन, शहरी गरीबों को एक वक्त निशुल्क भोजन, दलित एवं पिड़े वर्ग के 10 लाख लोगों को निशुल्क आवास, तेज और असरदार कार्रवाई के लिये पुलिस का आधुनिकीकरण इत्यादि कार्य शामिल हैं।
अखिलेश ने जन्मपत्री संबंधी प्रधानमंत्री मोदी की कथित टिप्पणी के बारे में पूछे गये सवाल पर कहा कि यह चुनाव है। इसमें गुस्सा नहीं आना चाहिये। प्रधानमंत्री ने जो चीजें जमीन पर पहुंचायी हैं, उनके बारे में बताएं। आज इंटरनेट का जमाना है, सबकी जन्मपत्री निकलती है। प्रधानमंत्री अगर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर चलें तो मैं कह सकता हूं कि वह भी सपा-कांग्रेस को ही वोट देंगे।
राहुल ने एक सवाल पर कहा कि मोदी ने हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात कही थी। पिछले साल एक लाख युवाओं को रोजगार दिया। इस साल बेरोजगारी बढ़ी यानी बात बराबर हो गयी। इस तरह उनका वादा एक प्रतिशत भी पूरा नहीं हुआ। मोदी सुरक्षा और आतंकवाद की बात करते हैं। सर्जिकल स्टाइक का नतीजा यह हुआ कि सात साल में पहली बार कम से कम 90 सुरक्षाकर्मियों को शहादत देनी पड़ी।
मोदी को लोगों के बाथरूम में झांकना अच्छा लगता है
उन्होंने कहा कि मोदी ने देश के 50 अमीर परिवारों के एक लाख 40 हजार करोड़ रुपये माफ किये। वह इस धन को गरीबों पर खर्च कर सकते थे। मोदी को जन्मपत्री निकालना अच्छा लगता है, लोगों के बाथरूम में झांकना अच्छा लगता है, वह अपने बाकी समय में यह सब करें लेकिन रोजगार देने सुरक्षा देने के सवाल पर वह विफल हो गये हैं, उन्हें यह लग रहा है कि यूपी में सपा-कांग्रेस की सरकार आएगी, इससे उनकी विश्वसनीयता को धक्का लगेगा। वह जो बोल रहे हैं वह उनकी हताशा है।
इमाम बुखारी भाजपा और बसपा में तालमेल करवा रहे हैं!
इमाम बुखारी और मौलाना कल्बे जव्वाद के बसपा को समर्थन देने के एलान के बारे में अखिलेश ने कहा कि व्यक्तिगत नाराजगी को राजनीतिक नहीं बनाना चाहिये। पहले वाले मौलाना पूर्व में भाजपा के लिये वोट मांग रहे थे, अब बसपा को समर्थन दे रहे हैं। कहीं वह भाजपा और बसपा का तालमेल तो नहीं करा रहे हैं। जहां तक दूसरे वाले मौलाना का सवाल है तो आखिरकार हमें ही आशीर्वाद देंगे।
राहुल ने आज जारी संकल्पपत्र के बारे में कहा,हम चाहते हैं कि यूपी में युवाओं की सरकार आये। विजन की सरकार आये। बाकी पार्टियां नींव की बात नहीं कर रही है। हमने ये दो 10 बिंदु रखे हैं, यह यूपी के विकास की नींव बन सकती है। हमारी कोशिश होगी कि यूपी में सबकी सरकार बने और हर व्यक्ति को लगे कि यह सरकार मेरी है। हम किसानों की मदद करेंगे, युवाओं को रोजगार देंगे।
सपा-कांग्रेस गठबंधन भविष्य में भी बरकरार रहेगा, इस सवाल पर राहुल ने कहा कि यह साझा विजन का भी गठबंधन है। हम सिर्फ यूपी में सत्ता हासिल करने नहीं आये, बल्कि यूपी को बदलने भी आयें। पिले पांच साल में यह मूलभूत रूप से बदला है। मेरे के लिये यह एक साझा विचारों की साझीदारी है।
राहुल ने कु सीटों पर सपा और कांग्रेस दोनों के ही प्रत्याशियों के खड़े होने को छोटा मुद्दा बताते हुए कहा कि इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। गठबंधन में तालमेल नहीं होने की बात बिल्कुल गलत है।
अखिलेश ने एक सवाल पर कहा कि बसपा मुखिया मायावती जो कभी भाजपा के लिये वोट मांग रही थीं आज बसपा के लिये वोट मांग रही है। जनता जानती है कि भाजपा के साथ रक्षाबंधन का त्यौहार किसने मनाया था।