लखनऊ: उत्तर प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक की बेटी साक्षी मिश्रा और उनके पति अब अदालत में पंजीकृत विवाह का विकल्प चुन सकते हैं। उनके अंतरजातीय विवाह के बाद से ही एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। साक्षी एक ब्राह्मण हैं, जबकि उनके पति अजितेश कुमार दलित परिवार से आते हैं।
इससे पहले प्रयागराज में राम जानकी मंदिर का पुजारी अपने बयान से पलट गया था, जिसके बाद से दंपति द्वारा पंजीकृत विवाह पर विचार किया जा रहा है। पहले कहा जा रहा था कि दंपति ने कथित तौर पर यहां मंदिर में शादी की और इसका एक प्रमाण-पत्र लिया। लेकिन बाद में पुजारी ने यह कहते हुए शादी करवाने की बात से इनकार कर दिया कि प्रमाण-पत्र नकली था।
सूत्रों के अनुसार, दंपति इलाहाबाद उच्च न्यायालय में उपस्थित होंगे, जहां उनकी याचिका पर सुनवाई 15 जुलाई को होगी। सूत्रों ने कहा है, "वे न्यायालय से अनुरोध करने के बाद अपनी शादी 16 जुलाई को अदालत में पंजीकृत करवाएंगे।"
3 जुलाई से साक्षी और उनके पति घरवालों से छुपकर भाग रहे हैं। दंपति शुक्रवार को एक समाचार चैनल पर आए और बरेली से भाजपा के विधायक व साक्षी के पिता राजेश मिश्रा पर आरोप लगाया कि वह जाति कारणों से विवाह के खिलाफ हैं।
दंपति और अजितेश के पिता हरीश कुमार ने आरोप लगाया है कि एसएसपी बरेली मुनिराज जी ने रक्षा और सुरक्षा के लिए उनके कॉल का जवाब देने से इनकार कर दिया। हालांकि, मामला सुर्खियों में आने के बाद, एसएसपी ने अब कहा है कि दंपति को पुलिस सुरक्षा मिलेगी ताकि वे सुरक्षित रूप से अदालत में पेश हो सकें।