देहरादून। उत्तर प्रदेश के नौतनवा विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक और पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के पुत्र अमन त्रिपाठी पर लॉकडाउन का उल्लंघन करने, फर्जी पत्र के आधार पर यात्रा पास बनवाने और डॉक्टर एवं पुलिस कर्मियों के साथ अभद्रता करने का आरोप है। बताया जा रहा है कि अमनमणि त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता के पितृ कर्म का हवाला देते हुए देहरादून प्रशासन से बद्रीनाथ और केदारनाथ जाने के लिए यात्रा पास हासिल किया। वह तीन वाहनों में अपने परिवार के 10 अन्य सदस्यों के साथ यात्रा कर रहे थे।
देहरादून से कर्णप्रयाग पहुंचने पर जांच दल ने उनके वाहनों को रोका और स्क्रीनिंग करने की बात कही। इस पर अमनमणि त्रिपाठी की डॉक्टरों और जिला प्रशासन के अधिकारियों से बहस हो गई। कर्णप्रयाग के एसडीएम ने बताया कि गौचर बैरियर पर इन लोगों को रोका गया था लेकिेन ये लोग जबरन उसे पार कर कर्णप्रयाग पहुंच गए। वे वहां डॉक्टरों व कर्मचारियों के साथ अभद्रता कर रहे थे और स्क्रीनिंग में सहयोग भी नहीं कर रहे थे। काफी समझाने के बाद वो लोग वहां से वापस लौटे।
चमोली के पुलिस अधीक्षक यशवन्त सिंह चौहान ने बताया कि विधायक अमनमणि त्रिपाठी समेत 10 लोगों को चमोली जिले की सीमा में प्रवेश करने की अनुमति इसलिए नहीं दी गई, क्योंकि अभी बद्रीनाथ के कपाट खुले नहीं हैं। चौहान ने बताया कि इन लोगों के पास उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश द्वारा जारी यात्रा अनुमति पत्र है।
एसपी ने बताया कि, इन लोगों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के स्वर्गीय पिता के पितृ कार्य के लिए बद्रीनाथ धाम जाने का हवाला देकर यात्रा पास हासिल किया था।
दो मई को यह लोग तीन वाहनों से देहरादून से श्रीनगर पहुंचे। अनुमति पत्र के अनुसार 3 मई को इन्हें श्रीनगर से बद्रीनाथ, 5 मई को बद्रीनाथ से केदारनाथ और 7 मई को केदारनाथ से वापस देहरादून जाना था। जिन तीन वाहनों में ये आये, इनमें दो वाहन यूपी और एक उत्तराखंड के नम्बर का था।