लखनऊ: उत्तर प्रदेश वापस लौट रहे प्रवासी कामगारों के लिए यूपी सरकार ने प्रोटकॉल जारी किया है। इस प्रोटोकॉल के तहत हर जिले में प्रवासियों की स्क्रीनिंग कराना जरूरी होगा। प्रदेश वापस लौटने वाले प्रवासियों के लिए सात दिन का क्वारंटीन जरूरी कर दिया गया है। यानि किसी तरह का लक्षण नहीं होने पर भी सात दिन आइसोलेशन में रहना होगा। अगर लक्षण होने लेकिन संक्रमित न होने पर 14 दिन क्वारंटाइन करना होगा वहीं संक्रमित मरीजों को आइसोलेट किया जाएगा।
मुख्य बातें
1.हर जिले में प्रवासियों की स्क्रीनिंग कराना जरूरी
2.प्रवासियों के लिए सात दिन का क्वारंटीन जरूरी
3.लक्षण होने लेकिन संक्रमित न होने पर 14 दिन क्वारंटीन रहना होगा
4.संक्रमित मरीजों को आइसोलेट किया जाएगा
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में मंगलवार को कोविड-19 के एक दिन में सबसे ज्यादा 18,021 नये मामले सामने आए थे वहीं संक्रमण से और 85 लोगों की मौत हुई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने पत्रकारों को बताया कि राज्य में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के सबसे ज्यादा 18,021 नये मामले सामने आये हैं और संक्रमण से 85 लोगों की मौत हुई है। इससे पहले 11 अप्रैल को एक दिन में सबसे ज्यादा 15,353 नए मामले आए थे और 12 अप्रैल को संक्रमण से सबसे 72 लोगों की मौत हुई थी।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 9,309 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटों के दौरान सबसे ज्यादा 18 मौतें राजधानी लखनऊ में हुई हैं। इसके अलावा कानपुर नगर में 10, प्रयागराज में आठ, गौतम बुद्ध नगर, रायबरेली तथा संभल में चार-चार मरीजों की मौत हुई है। प्रसाद के मुताबिक राज्य में अब तक कुल 7,23,582 लोग संक्रमित हुए हैं इनमें से फिलहाल 95,980 मरीजों का इलाज चल रहा है।
उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में प्रदेश में 3,474 मरीजों को छुट्टी दी गई है। मंगलवार को सबसे ज्यादा 5382 नए मरीज राजधानी लखनऊ में मिले हैं इसके अलावा प्रयागराज में 1856, वाराणसी में 1404 और कानपुर नगर में 1271 मरीजों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है। प्रसाद ने बताया कि राज्य में कोविड-19 टीके की अब तक 93 लाख से ज्यादा डोज दी जा चुकी है।
इनपुट-भाषा