लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को कहा कि प्रवासी मजदूर संकट में हैं। केंद्र व राज्य सरकारें उनके साथ जैसा व्यवहार कर रही हैं वह अनुचित है। उनके लिए न तो पर्याप्त भोजन और न ही रहने की उचित व्यवस्था की गई है। मायावती ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकारें प्रदेश के प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए बेहतर व्यवस्था करें।
उन्होंने कहा कि एक तरफ तो कोचिंग में पढ़ने वाले अमीरों के छात्रों के लिए विशेष बसें और विदेशों में फंसे अमीर लोगों के लिए विशेष विमान भेजे जा रहे हैं, दूसरी तरफ गरीब मजदूर पैदल ही अपने घर वापस आ रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार सुबह औरंगाबाद में मजदूरों के ट्रेन से कुचल जाने पर भी गहरा दुख व्यक्त किया। मायावती ने शुक्रवार को कहा कि इस बीमारी के दौरान जो सबसे ज्यादा दुखी नजर आ रहे हैं, वे गरीब मजदूर हैं। वे अपनी रोजी-रोटी के लिए अपने घर छोड़कर दूसरे प्रदेशों में गए हुए थे। प्रवासी मजदूर बहुत ज्यादा दुखी नजर आ रहे हैं और उनके साथ केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार जो बर्ताव कर रही है वह बहुत गलत है।
सरकार ने इन लोगों के भोजन की भी उचित व्यवस्था नहीं की है, जिसकी वजह से ये भूख से तड़प रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज महाराष्ट्र के पास कई प्रवासी मजदूर हादसे में मारे गए। यह केंद्र और राज्य सरकार की लापरवाही और असंवेदनशीलता का नतीजा है। सरकारों को इन मजदूरों के परिजनों को आर्थिक मदद देनी चाहिए और उनके परिवार के किसी सदस्य को नौकरी दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों को रेल और बस से उनके घर पहुंचाना चाहिए। एक तरफ तो सरकार भूखे और लाचार लाखों प्रवासी मजदूरों से घोर अमानवीय व्यवहार करते हुए उनसे किराया भाड़ा वसूल कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ अमीरों के लिए दयावान बनी हुई है। अमीरों के जो बच्चे कोचिंग सेंटर में पढ़ रहे थे, उनके लिए सरकार बसों का प्रबंध कर रही है और विदेशों में फंसे लोगों के लिए हवाई जहाज भी भेज रही है लेकिन गरीब मजदूरों के लिए कोई व्यवस्था नहीं कर रही।