लखनऊ: बूचड़खानों पर कार्रवाई का विरोध करते हुए गोश्त विक्रेता शनिवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। लखनऊ बकरा गोश्त व्यापार मंडल के मुबीन कुरैशी ने बताया कि मटन और चिकन विक्रेताओं ने अपने शटर बंद कर दिए हैं और सोमवार से आंदोलन तेज करने की धमकी दी है।
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अवैध बूचड़खानों के बंद होने के बाद भैंसे के गोश्त की किल्लत के चलते चिकन और मटन के व्यंजन बेच रहे टुंडे और रहीम जैसे मशहूर नामों सहित मांसाहार बेचने वालों ने भी दुकानें बंद कर दी हैं। कुरैशी ने कहा कि बूचड़खानों पर कार्रवाई से मीट विक्रेताओं पर बुरा असर पड़ा है। इस कारोबार में लगे लाखों लोगों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि मटन और चिकन विक्रेता पहले ही दुकानें बंद कर चुके हैं। अब मछली विक्रेताओं को भी साथ लेने की कोशिश हो रही है और वे भी जल्द हमारे साथ आंदोलन में शामिल होंगे।
योगी सरकार ने दिया था अवैध बूचड़खानों को बंद करने का आदेश
सत्ता में आते ही आदित्यनाथ योगी सरकार ने अवैध बूचड़खानों को बंद करने के आदेश दिए। गो तस्करी और गोवध पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया। विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने प्रदेश की जनता से यह वायदा किया था। बीजेपी नेता मजहर अब्बास ने मीट विक्रेताओं से अपील की है कि जो सही हैं, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि केवल अवैध दुकानें और बूचड़खाने सरकार की कार्रवाई के दायरे में आ रहे हैं।
‘स्टॉक खत्म, मंडी में माल नहीं’
मंडल के अध्यक्ष कासिम कुरेशी के हवाले से माजिद ने कहा कि वे इस कारोबार में संलग्न लोगों के हित में दुकानें बंद करने पर मजबूर हुए। उन्होंने दावा किया कि मंडी में अब माल नहीं है। जिन्होंने स्टॉक रखा था, उनका माल भी खत्म हो गया है। अब वे हमारे साथ हडताल पर हैं। आसपास के जिलों से माल लेकर आज कोई ट्रक मंडी नहीं पहुंचा।
‘हमीरपुर, बांदा और बाराबंकी में भी बंद हैं दुकानें’
मंडल ने बताया कि हमीरपुर, बांदा और बाराबंकी सहित कुछ अन्य जिलों में भी मटन और चिकन की दुकानें बंद हैं। अवधी मांसाहार व्यंजन बनाने वाले मशहूर रहीम्स के बिलाल अहमद ने कहा, ‘हमें पता लगा कि आज कोई माल नहीं आएगा इसलिए आज दुकान नहीं खोली। मीट आपूर्ति नहीं होने पर ग्राहकों की मांग कैसे पूरी की जा सकती है।’ राजधानी के लोगों को आशंका है कि इन हालात में सब्जियों के दाम चढ़ सकते हैं।