लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने नागरिकता संशोधन विधेयक को विभाजनकारी एवं असंवैधानिक बताया है। मायावती ने गुरुवार को एक प्रेस वार्ता करके केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि नागरिकता संशोधन विधेयक के जरिए केंद्र सरकार का मकसद नागरिकता एवं नागरिकों आदी में भेदभाव आदी पैदा करना है। मायावदी ने बिल को संविधान के बुनियादी ढांचे का विरोधी कदम बताया है।
अपने बयान में मायावती ने कहा ''केंद्र सरकार द्वारा काफी जल्दबाजी और अपरिपक्व तरीके से लाया गया नगारिकता संसोधन विधेयक पूरी तरह से विभाजनकारी व असंवैधानिक विधेयक है, इस विधेयक के जरिए इनका धर्म के आधार पर नागरिकता एवं नागरिकों में भेदभाव आदी पैदा करना है, यह परम पूज्य बाबा भीमराव आंबेडकर के मानवतावादी एवं धर्मनिरपेक्ष संविधान की मंशा के बुनियादी ढांचे से एकदम विरोधी कदम है।''
केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है, केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब यह विधेयक संसद में पेश किया जाएगा, केंद्र सरकार पहले भी इस विधेयक को लोकसभा से पास कराने में कामयाब हुई थी लेकिन राज्यसभा में यह पास नहीं हो सका था जिस वजह से इसको एक बार फिर से केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब संसद में पेश किया जाएगा।