लखनऊ. बसपा सुप्रीमो और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सूबे की योगी सरकार द्वारा लव जिहाद पर बनाए गए कानून पर प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने ट्वीट कर कहा, "लव जिहाद को लेकर यूपी सरकार द्वारा आपाधापी में लाया गया धर्म परिवर्तन अध्यादेश अनेकों आशंकाओं से भरा जबकि देश में कहीं भी जबरन व छल से धर्मान्तरण को न तो खास मान्यता व न ही स्वीकार्यता। इस सम्बंध में कई कानून पहले से ही प्रभावी हैं। सरकार इस पर पुनर्विचार करे, बीएसपी की यह माँग।"
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में पिछले मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी दी गई थी। इसमें विवाह के लिए छल, कपट, प्रलोभन देने या बल पूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। पिछले दिनों उप चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा था कि सरकार ‘लव जिहाद’ से निपटने के लिए एक नया कानून बनाएगी।
जबरन धर्मांतरण प्रतिषेध कानून के तहत बरेली में पहला मामला दर्ज
उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में धर्मांतरण प्रतिषेध कानून के तहत पहला मामला दर्ज किया गया। अधिकारियों ने बताया कि मामला बरेली जिले के देवरनियां थाने में शनिवार को दर्ज किया गया। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की ओर से रविवार को जारी बयान के अनुसार देवरनियां पुलिस थाने (बरेली) के अंतर्गत शरीफ़ नगर गांव के टीकाराम ने यह मामला दर्ज कराया है, जिसमें उसने उसी गांव के एक व्यक्ति - उवैश अहमद पर उसकी बेटी को ‘‘बहला फुसलाकर’’ धर्मांतरण की कोशिश करने का आरोप लगाया।उवैश अहमद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और नए जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ‘उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020’ को शनिवार को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में पिछले मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी दी गई थी। इसमें विवाह के लिए छल, कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।