लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ के सरकारी बंगले को अपने पास बनाए रखने के लिए नया दांव चल दिया है। इस सरकारी बंगले को अपने पास बनाए रखने के लिए उन्होंने इसका नाम ही बदल दिया। अब इस बंगले को ‘कांशीराम यादगार विश्राम स्थल’ के नाम से जाना जाएगा। मायावती का कहना है कि इस बंगले से स्व. कांशीराम की यादें जुड़ी हैं इसलिए इसका नाम बदलकर ‘कांशीराम यादगार विश्राम स्थल’ किया गया है।
सोमवार सुबह घर के बाहर बदले हुए नाम का बोर्ड लगा
दरअसल, मायावती को यह सरकारी बंगला पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते मिला हुआ है, लेकिन सोमवार को बंगले के बाहर बदले हुए नाम का बोर्ड लगा दिया गया। इसे बसपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और संस्थापक स्व. कांशीराम के नाम पर ‘कांशीराम यादगार विश्राम स्थल का नाम दे दिया गया और इसी नाम से बाहर बोर्ड भी लगा दिया गया। माना जा रहा है कि मायावती ने लखनऊ के इस सरकारी बंगले को अपने पास बनाए रखने के लिए यह दांव चला है।
15 दिन के अंदर मायावती को अपना यह सरकारी बंगला खाली करना है
गौरतलब है कि एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से अपने सरकारी आवास को खाली करने के लिए कहा था। इसके बाद सिर्फ 15 दिन के भीतर मायावती को भी अपना सरकारी आवास खाली करना था। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर पालन करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने पहले ही अपना आवास खाली कर दिया है।