सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)। इस्लामिक मदरसा दारुल उलूम देवबंद में मौलवियों ने निकाह (शादी) समारोहों के दौरान तेज संगीत बजाने और पटाखों के इस्तेमाल के खिलाफ देशव्यापी अभियान छेड़ दिया है। उन्होंने कहा है कि वे ऐसे समारोहों में 'निकाह' सम्पन्न नहीं कराएंगे। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले शामली जिले में एक शादी समारोह में डीजे की धुन पर दूल्हा कार पर चढ़कर नाच रहा था। बस फिर क्या था। मौलवी साहब नाराज हो गए और उन्होंने 'निकाह' पढ़ाने से इनकार कर दिया।
इसके बाद दूल्हा और दुल्हन- दोनों पक्ष के लोग घबरा गए। निकाह पढ़ाने के लिए तुरंत एक अन्य मौलवी को बुलाया गया और आनन-फानन में निकाह की सारी रस्म पूरी की गई। देवबंद के जाने-माने मौलवी कारी इशाक गोरा ने कहा, "हर जगह के उलेमाओं (मौलवियों) से यह कहा जा रहा है कि वे ऐसी शादियों में 'निकाह' न पढ़ाएं। हम दहेज के भी खिलाफ हैं और मौलवी ऐसी शादियां नहीं कराएंगे जहां दहेज की मांग की जाती हो।"
मुजफ्फरनगर में मौलवियों की बैठक में ऐसी शादियों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया। मौलवियों ने लोगों से लाउड म्यूजिक और पटाखों के इस्तेमाल से बचने के लिए भी कहा है। बैठक बुलाने वाले मौलाना मुफ्ती असरारुल हक ने कहा, "हर मौलवी ने फैसले का स्वागत किया है। इलाके के प्रमुख लोग भी हमसे सहमत हैं।"