लखनऊ: राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले को अदालत से बाहर सुलझाने की कोशिश करने वाले मौलाना सलमान नदवी अब खुद ही सवालों और आरोपों में घिरते जा रहे हैं। सुलह का फार्मूला पेश कर ऑल इंडिया मुस्लिम पसर्नल लॉ बोर्ड से निकाले जा चुके मौलाना नदवी पर अब मस्जिद का दावा छोड़ने के लिए 5000 करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगा है। मौलाना पर यह आरोप अयोध्या सद्भावना समन्वय महासमिति के अध्यक्ष डॉ. अमरनाथ मिश्रा ने लगाया है। साथ ही उन्होंने नदवी के खिलाफ गुरुवार को थाना हसनगंज में तहरीर भी दी है। वहीं मौलाना नदवी ने कहा कि वे अमरनाथ मिश्रा को नहीं जानते हैं।
मिश्रा ने तहरीर देते हुए मौलाना नदवी पर झूठ बोलने और नदवा कॉलेज में लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच कराने की मांग की है। पुलिस ने तहरीर लेकर जांच के बाद एफआईआर दर्ज करने की बात कही है। उनका कहना है कि मौलाना नदवी मस्जिद का दावा छोड़ने के लिए 5000 करोड़ रुपये चाहते थे। साथ ही दूसरी जगह मस्जिद बनाने के लिए 200 एकड़ जमीन और राज्यसभा की सदस्यता देने की मांग की थी।
श्रीश्री रविशंकर के करीबी माने जाने वाले मिश्र ने कहा कि अयोध्या मसले पर बातचीत के लिए उन्होंने 5 फरवरी को नदवी से मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान मौलाना ने उनसे इस मसले पर लिखित प्रस्ताव मांगा था और उन्हें आश्वस्त किया था कि वह 9, 10 व 11 फरवरी को हैदराबाद में होने वाली मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में यह प्रस्ताव पेश कर उस पर सहमति बनवाएंगे।
उन्होंने कहा, "मालाना नदवी ने इस एवज में अयोध्या में दूसरी जगह मक्का की तरह एक मस्जिद बनाने की मांग करते हुए मस्जिद निर्माण के लिए 200 एकड़ जमीन और 5000 करोड़ रुपये और राज्यसभा की सदस्यता मांगी थी।" दूसरी ओर, मौलाना नदवी का कहना है कि वह किसी अमरनाथ मिश्र को नहीं जानते। यह हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच तनाव पैदा करने की साजिश है।
वहीं, अमरनाथ मिश्र का कहना है कि उन्होंने हसनगंज पुलिस को तहरीर देकर मौलाना के मोबाइल की कॉल डिटेल और नदवा कॉलेज में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज चेक करने की मांग की है। इससे मौलाना और उनके बीच हुई मुलाकात की सच्चाई का पता चल जाएगा। एसएसपी दीपक कुमार ने कहा, "तहरीर मिली है, जांच की जा रही है। मिश्रा की बात सच साबित होने पर कार्रवाई की जाएगी।"