लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लाखों की संख्या में लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए राज्य की योगी सरकार मनरेगा के तहत दिए जाने वाले काम के दिनों को बढ़ा सकती है। फिलहाल मनरेगा श्रमिकों को सालभर में 100 दिन का काम मिलता है, लेकिन राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री मोती सिंह ने इंडिया टीवी को बताया कि सरकार मनरेगा के तहत दिए जाने वाले कार्य को 100 दिनों से बढ़ाकर 150 दिन करने पर विचार कर रही है।
लॉकडाउन की वजह से अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश में 30 लाख से ज्यादा श्रमिक लौटे हैं। दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के लिए लगातार रोजगार के अवसर तलाश कर रही है और शुरुआत में मनरेगा के तहत दिए जाने वाले काम के दिनों को बढ़ाने पर फैसला हो सकता है।
मनरेगा के तहत काम करने वाले श्रमिकों को देशभर में 201 रुपए दैनिक वेतन दिया जाता है। केंद्र सरकार ने हाल ही में मनरेगा के तहत घोषित किए बजट में 40 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की है। वित्त मंत्रालय ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जिस 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की है उसमें मनरेगा योजना के लिए 40 हजार करोड़ रुपए घोषित किए गए हैं। इसके अलावा मनरेगा योजना के लिए पहले ही चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 61500 करोड़ रुपए घोषित किए जा चुके हैं। यानि इस साल मनरेगा योजना के लिए कुल बजट 1 लाख करोड़ रुपए के पार होगा।
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए मार्च से ही देश में लॉकडाउन लगा हुआ है और शहरों में कई उद्योग बंद पड़े हुए हैं। शहरों में काम बंद होने की वह से कई श्रमिक अपने गांवों को पलायन कर चुके हैं और उनके सामने रोजगार को लेकर बड़ी चुनौती है। श्रमिकों के रोजगार को ध्यान में रखते हुए ही उत्तर प्रदेश सरकार मनरेगा के तहत दिए जाने वाले काम के दिनों में बढ़ोतरी कर सकती है।