अयोध्या: राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर आमरण अनशन कर रहे महंत रामचंद्र दास परमहंस को पुलिस आधी रात को जबरन उठाकर अस्पताल ले गई। अनशन पर होने के कारण महंत की तबीयत लगातार खराब होती जा रही थी, जिसके बाद पुलिस ने यह कदम उठाया। महंत ने शनिवार को फैजाबाद जिला प्रशासन पर धमकाने का आरोप लगाया था। इससे पहले इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री सतीश महाना उनसे मिलने आए थे और माना जा रहा था कि वह महंत को लेकर लखनऊ जाएंगे।
आपको बता दें कि इससे पहले शुक्रवार की रात एडीएम सिटी और अयोध्या के सीओ ने महंत से अनशन खत्म कराने की कोशिश की थी लेकिन सफल नहीं हुए थे। इस बारे में महंत ने कहा था कि मौजूदा सरकार मेरे आमरण अनशन से बौखला गई है इसीलिए प्रशासन के लोग कह रहे हैं कि अनशन खत्म कराने का ऊपर से दबाव आ रहा है। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आतित्यनाथ ने सतीश महाना को महंत को मनाने के लिए भेजा था। माना जा रहा था कि महाना महंत को लेकर योगी के पास मुलकात के लिए लाने वाले थे। वहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से महंत की बात करवाई जाती और वह अपना अनशन खत्म कर देते।
इससे पहले ही उनकी खराब तबीयत का हवाला देते हुए पुलिस जबरन उन्हें अस्पताल ले गई। इससे पहले महंत ने खुद स्वीकार किया था कि उनकी तबीयत बिगड़ रही है। हालांकि वह स्थानीय प्रशासन से नाराज भी लग रहे थे। महंत ने कहा था कि वजन गिरने के कारण मेरा दम घुटने लगा है और प्राण निकलने की स्थिति आ रही है। आपको बता दें कि महंत बीते एक अक्टूबर से ही आमरण अनशन पर बैठे थे। महंत ने आरोप लगाया था कि मोदी सरकार किसी भी तरह राम मंदिर में पहल नहीं करना चाह रही है और उसके नाम पर 2019 का चुनाव लड़ने जा रही है।
वीडियो: अयोध्या में राम मंदिर को लेकर अनशन पर बैठे महंत को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया