नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एप्पल कर्मचारी की पुलिस की गोली लगने से हुई मौत पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह इस मामले की CBI जांच का आदेश देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कोई पुलिस इनकाउंटर नहीं था और इस मामले की पूरी जांच की जाएगी। बता दें कि लखनऊ में पुलिसकर्मियों पर निजी कंपनी एप्पल के सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी के मर्डर का आरोप लगा है। बताया जा रहा है कि बीती रात विवेक अपनी एक सहकर्मी के साथ जा रहे थे। इस दौरान दो पुलिसकर्मियों ने उनकी कार को रोकने का इशारा किया लेकिन विवेक ने कार नहीं रोकी। कथित तौर पर कार नहीं रोकने पर गश्त कर रहे पुलिस कांस्टेबल ने विवेक को गोली मार दी, जिससे उसकी मौत हो गयी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में विवेक तिवारी की ठुड्ढी में गोली लगने की पुष्टि हो गई है। गोली गर्दन व सिर के बीच में फंसी जिसके कारण अधिक रक्तस्राव से मौत हो गई।
विवेक की पत्नी कल्पना तिवारी ने कहा कि गोली मारकर हत्या करने के बाद लखनऊ पुलिस पति को चरित्रहीन साबित करने में लगी है। कल्पना ने सवाल उठाया कि गाड़ी न रोकने पर गोली चलाने का अधिकार पुलिस को किसने दिया। उन्होंने योगी सरकार से न्याय की मांग की है। कल्पना ने बताया कि पति यह कहकर घर से निकले थे कि आज नए फोन की लॉचिंग है तो देर हो जाएगी। रात में डेढ़ बजे पति से बात भी हुई थी तो उन्होंने बताया कि सना को घर छोड़ने के बाद कुछ ही देर में आ रहे हैं।
कल्पना तिवारी के अनुसार, जब वह लोहिया अस्पताल पहुंचीं तो काफी देर तक पुलिस और डॉक्टर टालमटोल करते रहे। पति से मिलने भी नहीं दिया। गोली लगने की भी बात नहीं बताई। काफी देर बाद डॉक्टर से जबरदस्ती करने पर उन्होंने कहा कि एक्सीडेंट के कारण विवेक का काफी खून बह गया था, जिसके चलते उन्हें बचाया नहीं जा सका। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कल्पना ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मामले की CBI जांच की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने 1 करोड़ मुआवजा और पुलिस विभाग में एक नौकरी की भी मांग की है।
वहीं मृतक विवेक तिवारी के रिश्तेदार विष्णु शुक्ला ने कहा कि क्या वह आतंकवादी थे जो पुलिस ने गोली मार दी? हम योगी आदित्यनाथ को अपने प्रतिनिधि के रूप में चुनते हैं, हम चाहते हैं कि वह इस घटना का संज्ञान लें और निष्पक्ष सीबीआई जांच की मांग करें। घटना के वक्त विवेक के साथ गाड़ी में मौजूद सहकर्मी सना का आरोप है कि कॉन्स्टेबल ने बाइक दौड़ाकर विवेक के गले में गोली मारी। सना की शिकायत पर ही हत्या का मामला दर्ज किया गया है। वहीं यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने विवेक तिवारी हत्या मामले में स्पष्ट कहा कि यह हत्या का मामला है और दोनों ही सिपाहियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने विवेक तिवारी के चरित्र को लेकर कही गई सारी बातों को सिरे से खारिज भी किया।
बताया जा रहा है कि इस दौरान उनकी कार से पुलिस वालों की बाइक की टक्कर हो गई जिसके बाद पुलिस ने कार की विंडशील्ड पर गोली चला दी जिसके विवेक तिवारी तेज रफ्तार से कार को भगाने लगे। इसी दौरान उनकी कार एक पोल से टकरा गई। फौरन ही उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया जहां उनकी मौत हो गई। पूरे मामले में दो आरोपी पुलिस वालों पर धारा 302 के तहत केस दर्ज किया गया है और दोनों को हिरासत में ले लिया गया है। लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया, 'शिकायतकर्ता सना खान ने बताया है कि शुक्रवार रात वह अपने कलीग विवेक तिवारी के साथ घर जा रही थीं। सीएमएस गोमतीनगर विस्तार के पास उनकी गाड़ी खड़ी थी, तभी सामने से दो पुलिसवाले आए और इन्होंने बचकर निकलने की कोशिश की।'