लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हर दिन कोरोना के नए मामलों का रिकॉर्ड टूट रहा है। सबसे ज्यादा बुरी हालत प्रदेश की राजधानी लखनऊ की है। यहां अस्पताल के बाहर कोरोना संक्रमितों की लाइन लगी हुई है वहीं श्मशान के बाहर लाशों की कतार है। इस बीच प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने एक चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने कहा कि अगर अस्पतालों की खराब होती हालत को दुरुस्त नहीं किया गया तो प्रदेश में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है।
ब्रजेश पाठक ने ये चिट्ठी राज्य के प्रमुख स्वास्थ्य सचिव, अपर मुख्य स्वास्थ्य सचिव को लिखी है। ब्रजेश पाठक का कहना है कि लोग लगातार मदद के लिए फोन कर रहे हैं लेकिन सुविधाओं के अभाव में मदद भी नहीं मिल पा रही है। कोरोना की जांच रिपोर्ट आने में चार से सात दिन का समय लग जा रहा है। एंबुलेंस भी समय पर नहीं मिल पाती है। इसके साथ ही मंत्री ने इस बात की भी शिकायत की है स्वास्थ्य दफ्तरों में फोन नहीं उठाया जाता है। ब्रजेश पाठक ने अपनी चिट्ठी में अस्पतालों में बेड बढ़ाने और टेस्टिंग बढ़ाने की बात कही है।
बृजेश पाठक ने लिखा है कि प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना की जांच बंद हो गई है, जो कि बेहद गलत है। उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि लखनऊ शहर में इस वक्त 17 हजार कोविड जांच किटों की ज़रूरत है लेकिन 10 हजार ही मिल रही है। उन्होंने लिखा कि अगर हालात को जल्द नियंत्रित नहीं किया गया तो हमें कोविड की रोकथाम के लिए लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है।
लखनऊ जिला कचहरी 18 अप्रैल तक बंद करने का आदेश
लखनऊ जिला जज ने सोमवार को एक न्यायाधीश, कुछ न्यायिक कर्मियों तथा वकीलों के कोविड-19 संक्रमित होने की वजह से कचहरी को आगामी 18 अप्रैल तक बंद करने का आदेश दिया। लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय द्वारा जारी सूची के साथ एक परामर्श भी जारी किया गया है कि अदालत को कुछ वक्त के लिए बंद कर दिया जाए ताकि वहां का संक्रमणरोधन का कार्य बेहतर ढंग से हो सके। इसके बाद जिला न्यायाधीश सर्वेश कुमार ने जिला कचहरी को आगामी 18 अप्रैल तक बंद रखने के आदेश दिए। इससे अदालती कार्यवाही पर खासा असर पड़ने की आशंका है।