लखनऊ. विभिन्न सराकरी विभागों की तरफ से जारी किए जाने वाले टेंडरों में आए दिन पक्षपात के आरोप लगाए जाते हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का लखनऊ विकास प्राधिकरण टेंडर प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी व निष्पक्ष बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है। इसी क्रम में LDA के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश के प्रयास अब रंग लाते दिखाई दे रहे हैं। LDA में टेंडर प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी व निष्पक्ष बनाने के संबंध में शुक्रवार को नए आदेश जारी किए गए।
LDA के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश द्वारा जारी किए गए आदेशों के तहत अब टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी की आशंकाओं को शून्य कर दिया जाएगा। उपाध्यक्ष ने विगत 29 जून को एक आदेश जारी किया था, जिसके तहत एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा और लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता राजीव राय की दो सदस्यीय कमेटी गठित की थी। इस कमेटी ने अपनी संस्तुतियां पेश की हैं। इन संस्तुतियों के आधार पर आगामी और प्रक्रियारत निविदाओं को पूर्ण करवाया जाएगा। जिसमें सबसे बड़ी बात ये है कि अब निविदाओं का तकनीकी चयन सॉफ्टवेयर के जरिये किया जाएगा। जिससे मानवीय हस्तक्षेप को पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा।
उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने बताया कि इस संबंध में एक बैठक शुक्रवार को हुई है। जिसमें संस्तुतियां उनके समक्ष प्रस्तुत की गई हैं। जिसके आदेश कर के संस्तुतियों को लागू किया जा रहा है। छह बिन्दुओं का आदेश किया गया है।
- सभी टेंडर प्रक्रिया ई टेंडर से होगी। निविदाएं समाचार पत्रों और प्राधिकरण की वेबसाइट के माध्यम से प्रचारित एवं प्रसारित किया जाएगा।
- कार्यों का अनुमान करते समय लोक निर्माण विभाग से जारी शैड्यूल ऑफ रेट्स का उपयोग किया जाए और जिन मदों की दरों का निर्धारण शैड्यूल ऑफ रेट्स में नहीं किया गया, उनको एमओआरटी एंड एच की डाटा बुक से निर्धारित किया जाए। दिल्ली शैड्यूल ऑफ रेट का भी उपयोग किया जा सकता है।
- लोक निर्माण विभाग द्वारा निविदाओं के निस्तारण के लिए जारी शासनादेश दिनांक 8 जून 2017 का पालन किया जाए।
- लोक निर्माण विभाग के पांच जनवरी 2007 के शासनादेश जो कि आठ जून 2017 संशोधित किया गया था, इसके आधार पर बिड डॉक्यूमेंट का उपयोग किया जाए। सभी तरह की लागत के टेंडरों के लिए पीडब्ल्यूडी के विभिन्न प्रपत्रों के आधार पर बनाए जाएंगे। जिनको पीडब्ल्यूडी की वेबसाइट से लिंक कर के देखा जा सकेगा।
- निविदाओं के तकनीकी मूल्यांकन के लिए लोक निर्माण विभाग के प्रहरी सॉफ्टवेयर को लागू किया जाए। जिससे मानवीय हस्तक्षेप शून्य हो जाएगा।
- निविदाओं की लागत के अनुसार परियोजनाओं में तैनात कर्मचारियों की संख्या और उनकी उपयोगिता तथा मशीनरी की संख्या को भी मानकों के अनुरुप रखा जाए।