लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सड़कों पर हर रोज एक ऐसा घोटाला हो रहा है जिसके बारे में जानकर आप सन्न रह जाएंगे। इंडिया टीवी को UP रोडवेज के एक कंडक्टर पंकज लवानिया का स्टिंग ऑपरेशन मिला है। इसमें यह खुलासा हुआ कि यात्रियों को फर्जी टिकट देकर हर रोज घोटाले से लाखों का चूना सरकार को लगाया जा रहा है। लूटतंत्र के मास्टरमाइंड हैं दो ऐसे सरकारी मुलाजिम जो उत्तर प्रदेश रोडवेज ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन में काम करते हैं। पिछले 10 सालों के दौरान उन दोनों ने एक ऐसा नेक्सस तैयार कर लिया है जिसका हिस्सा बड़े बड़े अफसर भी बन गए हैं। यह सारा खेल होता है फर्जी कंडक्टर और फर्जी ड्राइवर के जरिए।
दरअसल फर्ज़ी ड्राइवर और फर्ज़ी कंडक्टरों एक पूरा गिरोह कई साल से यूपी की सरकारी बसों में यात्रियों को फर्जी टिकट देकर सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना लगा रहा है। एक चक्कर में सभी सवारियों को फर्जी टिकट दिया जाता है। उस चक्कर का सारा पैसा देवेंद्र नाम का शख्स और उसके गुर्गे रखते हैं। दूसरे चक्कर में सभी सवारियों का टिकट बनाया जाता है। दूसरे चक्कर का पैसा सरकारी खज़ाने में जमा कराया जाता है। फर्जी ड्राइवर और कंडक्टर देवेंद्र सिंह भेजता है। देवेंद्र उत्तर प्रदेश की खुर्जा डिपो में कंडक्टर है लेकिन दावा किया जा रहा है कि लूट के खेल का मास्टरमाइंड यही है।
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आरोपी मास्टरमाइंड देवेंद्र सिंह स्टिंग ऑपरेशन में दावा कर रहा है कि सड़क पर उसका सिक्का चलता है। कोई उस बस को हाथ नहीं दे सकता है। जिन्हें वो फर्जी ड्राइवर और कंडक्टर्स से चलवाता है क्योंकि उसकी सेटिंग ऊपर तक है। हालांकि वो हिदायत दे रहा है कि जब बस बिना टिकट सवारियां हों तो भले ही चेकिंग प्वाइंट पर बस न रोंके। लेकिन अगर सभी के पास टिकट है तो जरुर चेक कराएं।
यूपी रोडवेज में चल रहे इस लूट के खेल का पर्दाफाश करने का दावा करने वाले पंकज लवानिया का कहना है वो इस मामले की शिकायत लखनऊ में बैठे बड़े बड़े अधिकारियों और परिवहन मंत्री तक से कर चुके हैं लेकिन अभी तक देवेंद्र सिंह और मेघ सिंह खुलेआम लूट का धंधा चला रहे हैं। हालांकि परिवहन मंत्री ने इंडिया टीवी को बताया है कि उन्होंने जांच के आदेश दे दिए हैं। यूपी रोडवेज के इस घोटाले का सच उजागर करने वाले पंकज लवानिया का दावा है कि मेघ सिंह और देवेंद्र सिंह ने ही पिछले 10 सालों में एक ऐसा नेटवर्क तैयार किया। जो डिपो से सिर्फ बस ही नहीं निकलवाता बल्कि बस कहीं पकड़ी न जाए इसकी पूरी गारंटी भी देते हैं। इस फर्जीवाड़े के लिए बाकायदा एक गैंग काम करता है।
कैसे काम करता है यह गिरोह
- यह गिरोह सबसे पहले सरकारी ड्राइवर और कंडक्टर से संपर्क करता है।
- ड्राइवर और कंडक्टर को रोजाना 400 रुपए की घूस ऑफर की जाती है।
- शर्त ये होती है कि दोनों घर पर ही रहेंगे.. रजिस्टर पर उनकी हाजिरी लगा दी जाएगी।
- इसके बाद बस में नकली ड्राइवर और कंडक्टर बैठाए जाते हैं।
- रोडवेज में बैठे कर्मचारी कंडक्टर को टिकट वेंडिंग मशीन मुहैया करा देते हैं।
पंकज के मुताबिक सिर्फ आगरा और आसपास के जिलों में इसी तरीके से 100 करोड़ से ज्यादा का घोटाला हुआ है। यात्रियों को शक न हो ये भरोसा दिलाने के लिए कंडक्टर कहते थे मशीन खराब है इसी वजह से सही प्रिंट नहीं निकल रहा है।