लखनऊ. उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन में सोमवार से सशर्त रियायतें देने का फैसला किया है। गृह विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिये हैं कि एकल दुकानें कल से खोलने की इजाजत होगी। कॉलोनी और आवासीय परिसरों से अंदर आवश्यक और गैर आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खोली जा सकेंगी, मगर उनमें लोगों के साथ बात-व्यवहार में एक सुरक्षित शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना होगा।
खुलेंगी शराब की दुकानें / निजी इकाइयों में 33% स्टाफ के साथ काम की अनमति
उन्होंने बताया कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में शराब की एकल दुकानों को खोलने की अनुमति दी गयी है। ये दुकानें शारीरिक दूरी के नियम का पालन करते हुए सुबह 10 बजे से शाम सात बजे तक खोलने की अनुमति होगी। अवस्थी ने बताया कि ई-कॉमर्स की आवश्यक गतिविधियों को भी अनुमति दी जाएगी। निजी क्षेत्र की इकाइयों के कार्यालयों में 33 प्रतिशत स्टाफ के साथ काम किया जाएगा, बाकी कर्मचारियों को घर से काम करना होगा। सरकारी कार्यालयों में भी 33 प्रतिशत स्टाफ के साथ काम होगा लेकिन आवश्यक सेवाओं में सभी कर्मचारियों को आना होगा।
ग्रीन-ऑरेंज जोन में टैकसी-कैब को अनुमति
उन्होंने बताया कि टैक्सी, कैब सेवाएं आरेंज जोन में केवल जिले के अंदर चालू होंगी। ग्रीन जोन में बसें भी चलायी जा सकेंगी, मगर यह केवल 50 प्रतिशत यात्रियों को ही ले जा सकेंगी। पड़ोसी देशों से संधियों के अनुरूप सीमापार माल परिवहन का आवागमन रहेगा।
प्रमुख सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने औद्योगिक गतिविधियों के बारे में परामर्श जारी करने के निर्देश दिये हैं। सभी जिलाधिकारियों तथा पुलिस प्रमुखों को भेज दिये गये हैं। इसके तहत केन्द्र सरकार के दिशानिर्देशों को लगभग अक्षरश: लागू किया जाएगा। ये निर्देश चार मई से दो सप्ताह के लिये जारी किये गये हैं। इनमें रेड जोन, ग्रीन जोन और आरेंज जोन की केन्द्र द्वारा निर्धारित परिभाषा को स्वीकार करते हुए उसके अनुरूप कार्रवाई की गयी है।
अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्योग विभाग और सभी जिलों के प्रशासन तथा पुलिस को कल वीडियो कांफ्रेंसिंग में स्पष्ट निर्देश दिया है कि चार मई से उद्योगों को अनुमति दी जाए। स्पेशल इकोनॉमिक जोन में काम करने के लिये, निर्यात किया जाने वाला सामान बनाने वाले उद्योगों और औद्योगिक टाउनशिप में स्थापित इकाइयों को काम करने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि इनमें आवाजाही का नियंत्रण जरूर लागू रहेगा।
कंपनियों को करवाना होगा श्रमिकों का बीमा
उन्होंने बताया कि इसके साथ-साथ आपूर्ति श्रंखला वाले उद्योग, आईटी हार्डवेयर का उत्पादन, जूट उत्पादन और पैकेजिंग सामग्री का उत्पादन करने वाली इकाइयां भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए चलायी जाएंगी। इनमें काम करने वाले कर्मियों और श्रमिकों का बीमा कराना होगा और धोने तथा सैनिटाइजर की व्यवस्था अनिवार्य रूप से करनी होगी।
जहां 50 से ज्यादा कर्मचारी, वहां 5% कर्मचारियों का टेस्ट होगा
अवस्थी ने बताया कि उद्योगों के लिये महत्वपूर्ण आदेश है कि जहां 50 से अधिक कर्मचारी है, वहां पांच प्रतिशत लेकिन अधिकतम 25 कर्मियों का कोविड टेस्ट भी कराया जाएगा। यह टेस्ट भी समय-समय पर होते रहेंगे ताकि कोई संक्रमित न हो। इसके साथ-साथ श्रमिक और फैक्ट्री मालिक अगर आपसी समझौता कर लेते हैं तो काम करने के घंटे बढ़ाए जा सकते हैं लेकिन यह व्यवस्था केवल तीन माह के लिये अस्थायी तौर पर लागू होगी। अगर शहरी इलाके में किसी निर्माण परिसर के अंदर ही अंदर काम हो रहा है तो उसे भी अनुमति दे दी जाएगी।