आगरा. कोरोना वायरस प्रसार पर रोक के लिए लागू लॉकडाउन के बीच आगरा में फंसे 12 कश्मीरी छात्रों ने अपने घरों को सुरक्षित लौटने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद मांगी है। इनमें चार छात्राएं भी शामिल हैं और इनकी आयु 19 से 25 वर्ष के बीच है। ये सभी आगरा विश्वविद्यालय के छात्र हैं और शहर में खंदारी क्षेत्र की नसीराबाद कॉलोनी में किराए पर रह रहे हैं। इन छात्रों में से एक ने बताया कि विभिन्न कोर्स की पढ़ाई कर रहे ये छात्र मार्च में अपनी परीक्षाओं के कारण रुक गए थे और इन लोगों ने सोचा था कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद वे कश्मीर स्थित अपने घर लौट जाएंगे।
24 वर्षीय मंजूर वानी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हमें इसका अंदाजा नहीं था कि लॉकडाउन इतने लंबे समय तक चलेगा और कोरोना वायरस प्रकोप के संबंध में यहां आगरा में भी स्थिति खराब हो जाएगी। हमारे पैसे और खाने की चीजें समाप्त हो रही हैं, बैंक काम नहीं कर रहे हैं, बाहर जाना जोखिम भरा है क्योंकि शहर कोविड-19 हॉटस्पॉट (संक्रमण से अधिक प्रभावित क्षेत्र) है और घर पर हमारे परिवार वाले भी हमारे लिए चिंतित हैं।’’
एमएससी (फॉरेस्टरी) कर रहे वानी ने कहा कि आगरा प्रशासन उन्हें खाने के पैकेट उपलब्ध करा रहा है, लेकिन यह भी दावा किया कि एक सप्ताह पहले पूड़ी-सब्ज़ी खाने से तीन छात्रों को डायरिया हो गया था। वानी ने दावा किया, ‘‘उसके बाद हमने सूखे राशन के लिए अनुरोध किया और हमें थोड़े चावल मिले। पांच दिनों तक हमने केवल चावल और नमक खाया। उन्होंने कहा, ‘‘खाने के पैकेट लेना जोखिम भरा है और अगर कोई भी छात्र वायरस से संक्रमित हो जाता है, तो परेशानी और बढ़ जाएगी।’’
ये 12 छात्र गांदरबल, हंदवाड़ा, कुलगाम, किश्तवाड़, पुंछ, रजौरी और बडगाम से हैं। ये छात्र अब आदित्यनाथ सरकार से मदद की उम्मीद कर रहे हैं, जिसने हाल में राजस्थान के कोटा शहर से हजारों छात्रों को वापस लाने के लिए सैकड़ों बसें भेजी थीं। वानी ने कहा, ‘‘हमने कश्मीर में अपने जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क किया लेकिन वे हमारी मदद करने में असमर्थ हैं। हम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हमारी मदद करने और हमें अपने घरों में वापस भेजने का आग्रह करते हैं।’’
पीटीआई-भाषा ने आगरा के जिलाधिकारी से प्रतिक्रिया के लिए कॉल की लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं प्राप्त हुई। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन के बीच छात्रों के लिए कश्मीर वापस जाने की कोई व्यवस्था नहीं है। अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हम छात्रों के लिए भोजन की व्यवस्था करेंगे।’’
इस बीच, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को आगरा में फंसे कश्मीरी छात्रों की मदद का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री ने फेसबुक पर पोस्ट किया, ‘‘जम्मू-कश्मीर में चिंतित माता-पिता को भरोसा देने वाली जानकारी। कोटा से जम्मू कश्मीर के 376 छात्र कल लौटने वाले हैं। सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दे दिया गया है। नरेंद्र मोदी सरकार इन युवाओं के हित के लिए प्रतिबद्ध है।’’
वानी ने इस पोस्ट पर टिप्पणी की, ‘‘राजस्थान के कोटा में फंसे जम्मू कश्मीर के सैकड़ों छात्रों ने आज गृह राज्य की ओर अपना सफर शुरू कर दिया। महोदय, हमारा क्या जो उप्र के आगरा में फंसे हुए हैं। यहां मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं। हमें जितनी जल्दी हो सके निकालिये।’’ इस टिप्पणी के जवाब में जम्मू कश्मीर के ऊधमपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद सिंह ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से मंजूर वानी। एक-एक करके। जितनी जल्दी संभव हो सके।’’