लखनऊ. उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के प्रसार को कम करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने आज एक दिन का लॉकडाउन लगाया हुआ है। लॉकडाउन की वजह से राज्य के सभी शहरों में सन्नाटा पसर गया है। देश की राजधानी नई दिल्ली से सटे नोएडा और गाजियाबाद से लेकर लेकर लखनऊ और पूर्वी यूपी में गोरखपुर सहित सभी शहरों में सड़कें पूरी तरह वीरान नजर आ रही है।
लखनऊ की तस्वीर-
सिर्फ जरूरी सेवाओं में लगे हुए लोगों को मूवमेंट की परमिशन दी गई है। राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों के मुताबिक, आज ‘कंटीन्यूअस प्रोसेस इंडस्ट्रीज’ को चलाने सहित कोविड-19 प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए शेष उद्योगों विशेष रूप से फार्मास्युटिकल्स, दवा, सेनिटाइजर बनाने वाले उद्योगों को चलाने की अनुमति है और इनके कर्मचारियों को इसी अनुसार आने-जाने की भी छूट है।
मुरादाबाद की तस्वीर -
शादी-विवाह कार्यक्रमों को अनुमति
रविवार को कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करते हुए सभी शादी समारोह में बंद स्थानों पर 50 लोगों और खुले स्थानों पर 200 लोगों को शामिल होने की अनुमति होगी, लेकिन सभी के लिए मास्क, सुरक्षित दूरी और सेनिटाइजर का उपयोग सहित प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य होगा। निर्देश के अनुसार एनडीए व अन्य निर्धारित परीक्षा की अनुमति रहेगी और परीक्षार्थियों व अभ्यर्थियों का आईडी कार्ड पास के तौर पर मान्य होगा। राज्य परिवहन निगम की बसों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चलाने की अनुमति रहेगी। शासन ने तय किया है कि अंतिम संस्कार के लिए अधिकतम 20 व्यक्तियों को शामिल होने की अनुमति रहेगी।कानुपर की तस्वीर-
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि प्रदेश में प्रत्येक रविवार को लॉकडाउन रहेगा और मास्क नहीं लगाने पर पहली बार में एक हजार रुपये का जुर्माना देना होगा। लॉकडाउन के दौरान आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सभी बाजार और दफ्तर बंद रहेंगे। इस दौरान चिकित्सा व स्वास्थ्य से जुड़ी आवश्यक सेवाएं एवं आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति यथावत जारी रहेगी और पंचायत चुनाव के मतदान के लिए पोलिंग पार्टियों की रवानगी का कार्य संचालित होता रहेगा।
नोएडा की तस्वीर-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि शनिवार रात आठ बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक सभी ग्रामों एवं नगरों में संचालित किये जाने वाले सेनिटाइजेशन, स्वच्छता एवं फॉगिंग अभियान के सुचारू संचालन के लिए मण्डलायुक्तों को अपने-अपने मण्डल का नोडल अधिकारी नामित किया जाए। सरकारी बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि अगर किसी को पहली बार बिना मास्क पहने पकड़ा जाए तो उस पर एक हजार रुपये जुर्माना लगाया जाए और अगर वह व्यक्ति दूसरी बार पकड़ा जाए तो दस गुना अधिक जुर्माना लगाया जाए।