लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को तंज कसते हुये कहा कि प्रदेश में कोरोना का पहला मामला पिछले मार्च में आया था और दस महीना बीत जाने के बावजूद कई दलों के नेता पृथक-वास में हैं और उनके सिर्फ ट्वीट आते हैं। शुक्रवार को यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में भारतीय जनता पार्टी की ओर से आयोजित प्रबुद्धजन सम्मेलन को संबोधित करते हुए योगी ने कहा, ''जब नेता ही पृथक-वास में रहेंगे तो जाहिर है कि उनके कार्यकर्ता भी पृथक ही होंगे।''
योगी ने कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर सरकार और संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा किये गये प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश ने देश और दुनिया के सामने कोरोना प्रबंधन का सफलतम मॉडल खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि हमने एक साथ 43 हजार बूथ अध्यक्षों से एक साथ वर्चुअल संवाद बनाया और कोरोना में आमजन की सेवा का महत्वपूर्ण कार्य किया।
मोदी की सराहना करते हुए योगी ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावाधानों को हटाने और अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण शिलान्यास की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि अयोध्या में किसने क्या किया हर व्यक्ति जानता है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम मंदिर निर्माण को आगे बढ़ा दिया है। योगी ने विपक्षी नेताओं पर तंज किया और कहा कि लोग कहते थे भगवान राम मिथक हैं, लेकिन अब भगवान राम को अपना बताने लगे हैं।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने प्रबुद्धजन सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सपा और बसपा की सरकारों को आपने देखा। एक परिवार मिलकर पूरे राज्य को लूटता था लेकिन अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में माफिया और गुंडों के घरों पर बुल्डोजर चल रहा है। सिंह ने कहा कि सज्जनों की निष्क्रियता से समाज का बहुत नुकसान होता है।