लखीमपुर (उत्तर प्रदेश): लखीमुपर में हुई हिंसा की वारदात के करीब 15 घंटे बाद भी तनाव बना हुआ है। कल की हिंसा में मारे गए 4 किसानों के शवों के साथ सैकड़ों की तादाद में किसान धरने पर बैठे है। हालात को काबू में करने के लिए यूपी सरकार ने सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के साथ पूरे लखीमपुर में धारा 144 लगा दी है और जिले में इंटरनेट सर्विस भी बंद कर दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यूपी पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। हिंसा के बाद किसानों के मुद्दे पर राजनीति भी गरमा रही है।
इस बीच सांसद अजय मिश्र टेनी का करीब 10 दिन पुराना 25 सितंबर का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में एक सभा को संबोधित करते हुए अजय मिश्र टेनी कहते हैं, ''आप भी किसान हैं आप क्यों नहीं उतर गए आंदोलन में...अगर मैं उतर जाता तो उनको भागने का रास्ता नहीं मिलता। पीठ पीछे काम करने वाले 10-15 लोग यहां पर शोर मचाते हैं तो फिर तो पूरे देश में आंदोलन फैल जाना चाहिए था। क्यों नहीं फैला दस ग्यारह महीने हो गए? मैं ऐसे लोगों को कहना चाहता हूं सुधर जाओ नहीं तो सामना करो आकर हम आपको सुधार देंगे दो मिनट लगेगा केवल। मैं केवल मंत्री नहीं हूं या केवल सांसद या विधायक नहीं हूं। जो लोग हैं विधायक या मंत्री बनने से पहले मेरे बारे में जानते होंगे कि मैं किसी चुनौती से भागता नहीं हूं।''
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वहीं, आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने रविवार को इस आरोप का खंडन किया कि उनके बेटे आशीष मिश्रा उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई घटना में शामिल थे, जिसमें किसानों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के तीन कार्यकर्ताओं और एक चालक को वहां विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों में मौजूद ‘‘कुछ तत्वों’’ द्वारा पीट-पीट कर मार डाला गया। मंत्री ने यह भी कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पहले भाजपा कार्यकर्ताओं के वाहनों पर पथराव किया, जिससे वाहन चालक ने वाहन पर अपना नियंत्रण खो दिया, जिसके चलते यह दुर्घटना हुई।
कुछ विपक्षी नेताओं और किसान यूनियनों ने आरोप लगाया है कि मिश्रा के बेटे ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को वाहन से कुचल दिया। मिश्रा ने कहा कि उनका बेटा मौके पर मौजूद नहीं था और इसे साबित करने के लिए उनके पास तस्वीर और वीडियो सबूत हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘मेरा बेटा (उपमुख्यमंत्री के) कार्यक्रम स्थल पर मौजूद था और वहां हजारों लोग, प्रशासन और पुलिस के अधिकारी भी मौजूद थे।’’ उन्होंने कहा कि यह घटना उस समय हुई जब भाजपा के कुछ कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की अगवानी करने जा रहे थे, जो लखीमपुर खीरी में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। उन्होंने कहा, ‘‘प्रदर्शन कर रहे किसानों में शामिल कुछ तत्वों ने काले झंडे दिखाये और कार पर पथराव किया, जो पलट गई। दो किसान कार के नीचे दब गए और उनकी मौत हो गई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वहां मौजूद कुछ लोगों ने भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं और कार चालक को पीट-पीटकर मार डाला।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘अगर वह (आशीष) उस कार में होता, तो वह आज जीवित नहीं होता।’’ मंत्री ने कहा कि दो वाहनों को आग लगा दी गई और उनके चालक को भीड़ ने मार डाला। यह पूछे जाने पर कि क्या घटना के बारे में कोई खुफिया जानकारी थी, उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की सूचना थी, उन्होंने इस घटना को "विश्वासघात" करार दिया। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में असामाजिक तत्व थे, जिन्होंने आंदोलन को हिंसक रूप देने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, ‘‘किसान संगठन को इस घटना को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए, क्योंकि अराजक तत्व देश में अस्थिरता उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे हैं। हमें सतर्क रहना होगा और उनकी पहचान करनी होगी।’’
उन्होंने यह भी दावा किया कि बब्बर खालसा जैसे चरमपंथी संगठनों ने किसानों के प्रदर्शन में घुसपैठ की है। उन्होंने कहा, ‘‘दस से अधिक पार्टी कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।’’ मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा ने भी कहा कि वह मौके पर मौजूद नहीं थे। उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘हमारी कारों में आग लगा दी गई और कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया। हमारे कई कार्यकर्ता अभी भी लापता हैं। अगर मैं उन कारों में किसी में होता तो क्या मैं यहां खड़ा होता?’’ केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के विरोध-प्रदर्शन के दौरान रविवार को हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई।