लखीमपुर खीरी/लखनऊ: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र 'टेनी' का बेटा और लखीमपुर हिंसा का मुख्य आरोपी आशीष मिश्र को शनिवार देर रात तकरीबन 1:30 पर लखीमपुर खीरी जिला जेल में लाया गया। आशीष मिश्रा जब जेल पहुंचा तो सबसे पहले उसका जेल प्रशासन ने मेडिकल कराया उसके बाद उसका एंटीजन टेस्ट किया गया। जेल सूत्रों के मुताबिक आशीष मिश्रा जब जेल पहुंचा तो वह घबराया हुआ और डरा हुआ था और पसीने से लथपथ था।
जिला जेल प्रशासन ने आशीष मिश्रा को 21 नंबर बैरक में रखा है
इसके बाद लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के आरोपी आशीष मिश्रा को 21 नंबर बैरक में जिला जेल प्रशासन के द्वारा रखा गया। 21 नंबर बैरक दरअसल क्वारंटीन बैरक है। जेल नियम के अनुसार जो भी नया कैदी आता है तो उसे सबसे पहले 14 दिन के लिए उसे क्वारंटीन बैरक में रखा जाता है। फिलहाल बैरक नंबर 21 में आशीष मिश्रा को सुरक्षा के लिहाज से अकेला रखा गया है। आशीष मिश्रा की बैरक के आसपास या बैरक के अंदर किसी दूसरे कैदी को जाने की इजाजत नहीं है और ना ही आशीष मिश्रा को अपने बैरक से बाहर आकर किसी दूसरे कैदी से मिलने की इजाजत है। मामला बेहद हाईप्रोफाइल है और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री से जुड़ा हुआ है तो लिहाजा आशीष मिश्रा की बैरक के बाहर दो लोगों को उसकी सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है जो 24 घंटे उस पर नजर रखते हैं।
जेल मैनुअल के मुताबिक ही आशीष को दिया गया खाना
जेल सूत्रों के मुताबिक, आशीष मिश्रा जेल में बिताई अपनी पहली रात में सही से सोया नहीं और पूरी रात वह करवटें बदलता रहा। सुबह आशीष मिश्रा को तकरीबन 5:00 बजे उठाया गया फिर तकरीबन आधा घंटा उसने योग किया, सभी कैदियों के साथ मिलकर। उसके बाद उसने चाय पी और सुबह के नाश्ते में उसे मीठा दलिया दिया गया। दोपहर के खाने में आशीष मिश्रा को जेल मैनुअल के मुताबिक बना खाना कढ़ी चावल और सब्जी रोटी दी गई, इस खाने को ही आशीष मिश्रा ने खाया। जेल सूत्रों के मुताबिक, सुबह होने पर आशीष मिश्रा का व्यवहार सामान्य था।
अभी तक आशीष से परिवार का कोई मिलने नहीं आया
जेल मैनुअल के मुताबिक, आशीष मिश्रा से उसके परिवार के तीन लोग हफ्ते में दो बार आधे आधे घंटे के लिए मिल सकते हैं और अगर आशीष मिश्रा चाहे तो वह अपने परिवार के सदस्यों से हफ्ते में चार बार पांच-5 मिनट के लिए फोन पर बात कर सकता है। हालांकि, जेल सूत्रों का कहना है कि अभी तक आशीष मिश्रा के द्वारा परिवार के सदस्यों को फोन नहीं किया गया है और ना ही आशीष मिश्रा के परिवार के किसी सदस्य ने आशीष मिश्रा से मिलने की इच्छा जाहिर की है।
आशीष मिश्रा के परिवार की तरफ से कोई भी पैसा जेल के खाते में जमा नहीं कराया गया
जेल मैनुअल के मुताबिक जब भी किसी कैदी को लाया जाता है तो उसके परिवार की तरफ से 500 रुपए के करीब जेल के खाते में जमा कराए जाते हैं ताकि वह कैदी कैंटीन से सामान खरीद सके या अपने परिवार को फोन कर सके लेकिन अभी तक आशीष मिश्रा के परिवार की तरफ से कोई भी पैसा जेल के खाते में जमा नहीं कराया गया है। लखीमपुर खीरी की जिला जेल में इस समय तकरीबन 18 सौ कैदी हैं। हालांकि, खीरी जेल की में 725 कैदियों को ही रखने की क्षमता है। अगर जेल के सुपरिटेंडेंट की बात करें तो जिला जेल के अधीक्षक पी पी सिंह कई जिलों में बतौर अधीक्षक रहे हैं और इनकी जेलों में देश के कई नामी हस्ती बतौर कैदी बंद रहे हैं, इनमें से मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, डीपी यादव, मायावती, अतीक अहमद और बबलू श्रीवास्तव नैनी जेल में बंद रहे जब पीपी सिंह नैनी जेल के जेलर हुआ करते थे।
11 अक्टूबर को होगी सुनवाई
उत्तर प्रदेश पुलिस की SIT ने बीते 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में आशीष मिश्रा को शनिवार को करीब 12 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. आधी रात के बाद उसे अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आशीष को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लखीमपुर खीरी जिला जेल भेज दिया है। आशीष की पुलिस रिमांड के लिए अर्जी दी गयी थी और अदालत ने इस अर्जी पर सुनवाई के लिए 11 अक्टूबर की तारीख तय की है। गौरतलब है कि, 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी की हिंसा में 4 किसानों सहित 8 लोगों की मौत के मामले में आशीष और अन्य लोगों के खिलाफ हत्या समेत अन्य संबंधित धाराओं में तिकुनिया थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।